उत्तर प्रदेशराज्य

महिलाओं के हौसलों के आगे महामारी ने भी टेके घुटने

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :कोरोना काल में जब सब कुछ ठप हो गया। चारों तरफ से मदद की गुहार गूंजने लगी। ऐसे मुश्किल वक्त में हर किसी की मदद करने का जज्बा हमें महिलाओं में खूब देखने को मिला। स्त्री शक्ति ने कोरोना रोकथाम की ड्यूटी करने में दोहरी जिम्मेदारी निभाई। वह कोरोना से डरी नहीं, बल्कि कदम से कदम मिलाते हुए उन इलाकों तक पहुंचीं, जिसे हाटस्पाट घोषित किया गया था। ऐसी महिलाएं और युवतियां भी सड़कों पर दिखीं, जो खुद की सुरक्षा छोड़कर जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने का काम कर रहीं थीं। महिला दिवस के मौके पर हम नारी शक्ति के उस जीवट रूप को नमन करते हैं।

रात-दिन एक कर तैयार किए मास्क  

कानपुर रोड निवासी वीना ने रात-दिन एक कर मास्क तैयार किए। वीना ने अपने क्षेत्र के हर एक घर, अस्पताल और जितने लोगों तक वह पहुंच सकीं, सभी को मास्क वितरित कर सुरक्षित रहने का संदेश दिया। कोरोना काल में वीना ने हजारों मास्क खुद बनाए और बांटे। वीना आज भी उसी शिद्दत से मास्क तैयार करने और लोगों तक जरूरत का सामान पहुंचाने में लगी रहती हैं।

जरूरतमंदों के लिए तैयार किया भोजन 

लोकबंधु अस्पताल परिसर स्थित आशा ज्योति केंद्र की अधीक्षिका अर्चना सिंह ने शोषित महिलाओं, युवतियों और बच्चियों को न्याय तो दिलाया ही, साथ ही कोरोना काल में भी एक योद्धा की तरह जुटी रहीं। लाकडाउन में जब लोग घरों में कैद थे तो वह अपनी कालोनी में रहने वाली महिलाओं के साथ मिलकर जरूरतमंदों के लिए किचन में खाना तैयार करती थीं। उन्होंने पूरे शहर में महिलाओं के साथ मिलकर जरूरतमंदों के लिए भोजन वितरित किया।

फिक्की फ्लो की महिलाएं भी रहीं आगे 

कोरोना काल में जरूरतमंदों की मदद के लिए फिक्की फ्लो की महिलाएं भी किसी से कम नहीं रहीं। प्रदेशभर में जहां-जहां से मदद की अपील आई, वहां तक फिक्की फ्लो द्वारा सहायता पहुंचाई गई। इन सबके बीच पुलिसकर्मियों को भी फेस शील्ड और मास्क का वितरण किया गया। फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर की अध्यक्ष पूजा गर्ग और वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरुषि टंडन अपनी टीम के साथ लोगों की मदद के लिए जुटी रहीं।

खुद की चिंता छोड़ निभाया फर्ज 

कोरोना काल में महिला पुलिस ने हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया। खुद की चिंता किए बगैर महिला पुलिस लोगों की सेवा में जुटी रही। इनमें से एक है एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव। एक तरफ जहां लोग कोरोना संक्रमण की वजह से घरों में कैद थे वहीं, दूसरी ओर श्वेता सुबह से लेकर रात तक गरीबों व बेसहारा लोगों की मदद कर रही थीं।

कर्तव्य को रखा आगे

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुॢवज्ञान संस्थान में माइक्रोबायोलाजी की विभागाध्यक्ष डा. उज्ज्वला घोषाल ने कम समय में कोरोना जांच के लिए मार्च 2020 में बीएसएल 3 लैब की स्थापना कराई, जहां पर रोजाना जांच का दायरा 7,000 के पार तक पहुंचा दिया।

डीआरएम ने खुद तैयार की राशन किट 

कोरोना काल में डीआरएम डा. मोनिका अग्निहोत्री ने बढ़-चढ़कर जरूरतमंदों की मदद की। डीआरएम ने स्वयं राशन किट तैयार की, जिसमें तेल सहित जरूरी वस्तुएं भी थीं। इतना ही नहीं एक के बाद एक रेलकर्मी जब कोरोना की चपेट में आए तो उनको अस्पताल भिजवाकर घर पर परिवार की देखभाल के भी इंतजाम कराए।

जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार 

उद्यमी और समाजसेवी रेनूका टंडन ने कोरोना काल में लगातार तीन से चार महीने तक लखनऊ भर में जरूरतमंदों के लिए राशन किट का प्रबंध किया। करीब 300 बच्चों को दूध का दलिया उपलब्ध कराया। बेटियों को यूनिफार्म सिलाई की ट्रेनिंग भी दी।

सहायता के लिए अभियान 

उप्र आदर्श व्यापार मंडल लखनऊ महिला इकाई की नगर अध्यक्ष अनीता अग्रवाल ने कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाया। पुलिसकर्मियों की सहायता से वह शहर भर में सहायता पहुंचाने में सफल रहीं। सैकड़ों लोगों को अपने साथ जोड़कर सहायता के इस अभियान को सफल किया।

अपनी परवाह न कर मानव सेवा पर दिया ध्यान

उत्तर प्रदेश सूचना आयोग की कर्मचारी व गोमतीनगर निवासी अर्चना वर्मा ने कोरोना काल में गैर प्रांतों से अपने घर आ रहे प्रवासियों को भोजन आदि मुहैया कराया। लाकडाउन के दौरान अर्चना ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई की ठानी। एहतियात के साथ बाहर निकलतीं और जरूरतमंदों की मदद करतीं।

कृषि की आय से वितरित कीं राशन और दवाएं

कोरोना काल के दौरान 68 वर्षीय सीतापुर रोड स्थित प्रियदर्शिनी कालोनी निवासी प्रेमा देवी ने कृषि कार्य से आने वाली सालाना आय और अपने पति रिटायर्ड टेलीफोन अधिकारी की पेंशन से लोगों को कोरोना काल में राशन और दवाएं वितरित कीं

जारी रखा भोजन वितरण 

डा. स्मृति ङ्क्षसह 25 वर्षों से महिला सशक्तीकरण लिए काम कर रही हैं। निदेशक आरोहिणी में सक्रिय हैं। कोरोना महामारी के समय भी वह पूरी तरह सक्रिय रहीं। इस दौरान उन्होंने उन्होंने जगह-जगह राशन वितरण का काम जारी रखा। भूखों को भोजन वितरित कराया। कोरोना काल में आमजन को लगातार मदद करती रहीं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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