एमएलसी A .K शर्मा चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर हुए शामिल
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:चंद्रशेखर पुण्यतिथि पर एमएलसी A.k शर्मा ने लखनऊ में सम्बोधन करते हुए अमर रहे नारे लगाए और उन्होंने आभार जताया कि उन्हें इस सभा का हिस्सा बनाया गया और बोला कि ये मेरा सौभाग्य है,उन्होंने अपने पुराने दिनों प्रयागराज में पढाई और चंदशेखर पार्क के स्मृति चिन्ह से गुजरते हुए दिनों को याद करा ।
उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कवि वीरता की बढ़ती हुई श्रेणी देख रही है मै स्वयं में अपने आप को अनपढ़ समझ रहा हूँ। मुझसे कविता नहीं हो पा रही है। इस अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी को याद करते हुए कहा कि जो उनको प्रेरित करती थी लड़ने कि प्रेरणा देती थी क्या चीज है? इसके २ उत्तर मिलते है अपने राष्ट्र के प्रति गौरव और एकता। क्रांतिकारियों ने देखा कि अंग्रेज मान्यताओं को समाप्त कर रहे है यही कारण है क्रन्तिकारी राष्ट्र के लिए लड़ करअपने जीवन को समाप्त कर लिया।
27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद में अंग्रेजी फौज से अकेले ही भिड़े आजाद ने अपनी कसम को पूरा करने के लिए उस वक्त खुद पर गोली चलाई जब उनके पिस्टल से सिर्फ एक गोली बची थी। 15 अंग्रेज सिपाहियों को निशाना बनाने के बाद जब आजाद की पिस्टल में आखिरी गोली बची थी तब उस गोली को खुद को मार कर देश के प्रति अपना सर्वोच्च बलिदान कर गए थे।