फरियाद लेकर पहुंची घायल महिला
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :ससुरालीजनों की पिटाई और दहेज प्रताडऩा से त्रस्त विवाहिता रेनू सोमवार दोपहर लडख़ड़ाते हुए अपनी फरियाद लेकर मोहनलालगंज कोतवाली पहुंची। आरोप है कि यहां इंस्पेक्टर दीनानाथ मिश्रा से महिला ने शिकायत की तो उन्होंने महिला को पहले गाना सुनाया (आइए आपका इंतजार था, देर हुई आने में तुमको, शुक्र है कि जो आए तो) और पूछा कि यह किस फिल्म का गाना है। हालात की मारी महिला फूट-फूट कर रोने लगी। इसके बाद उल्टे पांव लौट गई।
आलाधिकारियों ने लगाई फटकार, दर्ज हुआ मुकदमा
दोपहर बाद इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। आलाधिकारियों ने इंस्पेक्टर को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद पीडि़ता की तहरीर पर उसके पति समेत अन्य ससुरालीजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मामले में इंस्पेक्टर दीनानाथ मिश्रा ने बताया कि रेनू के आरोप निराधार हैं। उसे कोई गाना नहीं सुनाया गया। तहरीर के आधार पर उसके पति राहुल, ससुर महेश, सास और दो ननद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने डीसीपी साउथ रवि कुमार को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। दो दिन के अंदर वह अपनी रिपोर्ट देंगे। उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
तीन दिन पहले ससुरालीजनों ने दहेज के लिए पीटा था, छत से दे दिया था धक्का
पीडि़ता रेनू के मुताबिक वह मोहनलालगंज के बिल्हानी गौरा की रहने वाली है। बीते 26 जून को उसका विवाह कल्ली पूरब निवासी राहुल के साथ हुआ था। शादी के बाद से दहेज की मांग को लेकर अक्सर पति, ससुर महेश, ननद पूनम, चांदनी और सास आए दिन मारपीट करते रहते थे। बीती 19 फरवरी को सबने जमकर पीटा और फिर छत से धक्का देकर गिरा दिया। मामले की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई थी। पुलिस पहुंची समझा-बुझाकर वापस लौट गई। इसके बाद गिरने से गंभीर चोट आ गई थी। जिसके कारण अस्पताल में रही। आराम मिलने पर लडख़ड़ाते हुए सोमवार को शिकायत लेकर थाने पहुंची। इस पर इंस्पेक्टर साहब गाना सुनाने लगे और फिल्म का नाम पूछा। बिना कार्यवाही के ही लौटा दिया।
काहे मारा हाथ में चाकू सीधे पेट में क्यों नहीं मारा
पीडि़ता रेनू ने बताया कि जब वह थाने पहुंची तो इंस्पेक्टर को उसने अपना हाथ दिखाया और कहा कि ससुरालीजन चाकू से हाथ पर वार भी करते थे। आए दिन मारपीट करते हैं। पीडि़ता का आरोप है कि इस पर इंस्पेक्टर ने कहा कि क्यों थोड़ी थोड़ी चाकू उन्होंने हाथ पर मारी सीधे पेट पर क्यों नहीं मार दी। उन्हें तुम्हारे पेट में चाकू मारनी चाहिए थी