उत्तर प्रदेशराज्य

दुष्कर्म के बाद हत्‍या के आरोपित को मृत्‍युदंड

स्वतंत्रदेश,लखनऊ: डेढ़ वर्ष की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में अदालत ने अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई। वर्ष 2014 में कोतवाली देहात क्षेत्र के कंथाथोक गांव में घटना हुई थी। अदालत ने फांसी के साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अपर जिला जज चंद्र विजय श्रीनेत ने सजा सुनाई है। 17 मार्च 2014 को घर के बाहर खेल रही डेढ़ वर्ष की बच्ची अचानक लापता हो गई थी। काफी तलाश के बाद उसका गांव के बाहर शव मिला था। गांव के ही गुड्डू उर्फ गुब्बू ने दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी। मृतका के पिता ने कोतवाली देहात में मामला दर्ज कराया था। जिला शासकीय अधिवक्ता रामचंद्र राजपूत ने बताया कि एडीजीसी चंदन सिंह से पूरे मामले की पैरवी कराई गई थी। अदालत ने एफआइआर के साथ ही गवाहों और फारेंसिक रिपोर्ट समेत कई अन्य साक्ष्यों को आधार मानते हुए अभियुक्त गुड्डू को दोषी पाया। एडीजे चंज्र विजय श्रीनेत ने सोमवार को फैसला सुनाया। अदालत ने इसे विरलतम से विरलतम अपराध की श्रेणी में रखते हुए अभियुक्त गुड्डू को मृत्यु दंड की सजा दी।

एडीजी चंद्र विजय श्रीनेत ने अपने फैसले में कहा कि देवी के रूप मनाकर पूजी जाने वाली कन्याओं के साथ ऐसी घटना को अंजाम देने वाले को मृत्युदंड देना ही उचित है।

फैसला सुनाते हुए एडीजे ने भारतीय संस्कृति और संविधान में वर्णित तथ्यों का उल्लेख करते हुए रामचरिच मानस की चौपाई अनुज वधू भगनी सुत नारी…..को भी सुनाया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले का वध करना कोई पाप नहीं है।

कठघरे में जमीन पर बैठ गया दुष्कर्मी : फैसला सुनाए जाने के पहले अभियुक्त गुड्डू पुलिस सुरक्षा में अदालत लाया गया, हालांकि सुबह उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी, लेकिन अदालत में वह परेशान दिखा। जज ने जैसे ही फैसला सुनाया वह कटघरे के अंदर ही जमीन पर बैठ गया।

पीड़िता का पिता ने कहा, कलेजे को म‍िली ठंडक : अभियुक्त के परिवार का कोई भी नहीं आया लेकिन पीड़िता का पिता जरूर फैसला सुनने के लिए अदालत के बाहर खड़ा रहा और जैसे ही फैसला सुना उसकी आंखों से आंसू निकल आए बोला अब उसके कलेजे को ठंडक हुई।

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