खुल सकती है कई घोटालों की परत
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा )में तैनाती के दौरान पूर्व उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने जो कारनामे लविप्रा में किए थे। उसकी फाइल भी पलट सकती है। सीबीआइ प्राधिकरण में उन फाइलों को तलब कर सकती है जो शासन स्तर से कराई गई थी। वहीं बिल्डरों को लाभ देने के लिए लैंड यूज परिवर्तन किए गए। यही नहीं बोर्ड मीटिंग में पास हुए प्रस्तावों का अध्ययन करने के साथ ही तैनाती के दौरान संपत्ति से जुड़ी फाइलें देखने के लिए टीम आ सकती है। नियमों की अनदेखी करते हुए एक योजना से दूसरी योजना में सौ से अधिक भूखंडों का समायोजन की चर्चा आज भी प्राधिकरण में है। इसके अलावा तैनाती के दौरान शहीद पथ स्थित निजी टाउनशिप में परिवार के सदस्यों के नाम संपत्ति खरीदने को लेकर भी मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
पूर्व उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह लविप्रा के उपाध्यक्ष दो बार रहे। पहली बार रहने के दौरान शासन के बड़े प्रोजेक्टों में विकास के साथ साथ अपना विकास भी खूब किया। कुछ दिन डीएम व उपाध्यक्ष दोनों की कुर्सी संभाली और फिर पूरी तरह से उपाध्यक्ष बन गए। शासन स्तर पर अपनी ताकत का अहसास कराने वाले सत्येंद्र सिंह के खिलाफ पहली बार कोई ठोस कार्रवाई सीबीआइ द्वारा शुरू की गई है।
घर को दिया था बैंक को किराए पर
गोमती नगर स्थित अपने आवासीय परिसर को एक निजी बैंक को किराए पर दे दिया था। इसको लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने फूलू लेकर प्रदर्शन किया था। साथ ही आरोप लगाया था कि आवासीय परिसर में आखिर कैसे वाणिजयक गतविधियों हो सकती हे।