उत्तर प्रदेशराज्य

विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट किया

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ ‘: सीतारमण ने संसद में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार अपना हिसाब-किताब स्वच्छ करने के अवसर से नहीं चूकी है। उन्होंने कहा, ‘मैंने इसे जुलाई 2019 में शुरू किया, फरवरी 2020 में भी जारी रखा और हमने इस बार हिसाब-किताब और पारदर्शी बनाया है। कुछ भी छिपाया नहीं गया है। हम साफ-साफ दिखा रहे हैं कि पैसे कहां खर्च हो रहे हैं। एफसीआई को दिए गए पैसे का भी वर्णन किया गया है। अत: सरकार के राजस्व और व्यय के ब्यौरों का लेखा-जोखा अब अधिक खुला व पारदर्शी हो गया है। सीतारमण ने संसद में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार अपना हिसाब-किताब स्वच्छ करने के अवसर से नहीं चूकी है। उन्होंने कहा, ‘मैंने इसे जुलाई 2019 में शुरू किया, फरवरी 2020 में भी जारी रखा और हमने इस बार हिसाब-किताब और पारदर्शी बनाया है। कुछ भी छिपाया नहीं गया है। हम साफ-साफ दिखा रहे हैं कि पैसे कहां खर्च हो रहे हैं। एफसीआई को दिए गए पैसे का भी वर्णन किया गया है। अत: सरकार के राजस्व और व्यय के ब्यौरों का लेखा-जोखा अब अधिक खुला व पारदर्शी हो गया है।’: सीतारमण ने संसद में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार अपना हिसाब-किताब स्वच्छ करने के अवसर से नहीं चूकी है। उन्होंने कहा, ‘मैंने इसे जुलाई 2019 में शुरू किया, फरवरी 2020 में भी जारी रखा और हमने इस बार हिसाब-किताब और पारदर्शी बनाया है। कुछ भी छिपाया नहीं गया है। हम साफ-साफ दिखा रहे हैं कि पैसे कहां खर्च हो रहे हैं। एफसीआई को दिए गए पैसे का भी वर्णन किया गया है। अत: सरकार के राजस्व और व्यय के ब्यौरों का लेखा-जोखा अब अधिक खुला व पारदर्शी हो गया है।’वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट पेश करते हुए इसे निराला बताया। कहा कि ऐसा बजट पहले कभी नहीं पेश हुआ। इसके बाद आज से उम्मीद लगाई जा रही है कि संसद के दोनों सदनों में माहौल गर्म रहेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्ष कृषि कानूनों और किसानों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शनों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।

           संसद का बजट सत्र 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ 

संसद का बजट सत्र 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ, हालांकि, विपक्ष ने उन किसानों को समर्थन देने के लिए संबोधन का बहिष्कार किया, जो नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 5.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की एक व्यय योजना का अनावरण किया और कहा कि अगर वह अब खर्च नहीं करती तो देश की वृद्धि में देरी होगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट 2021 अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। 

सीतारमण ने संसद में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार अपना हिसाब-किताब स्वच्छ करने के अवसर से नहीं चूकी है। उन्होंने कहा, ‘मैंने इसे जुलाई 2019 में शुरू किया, फरवरी 2020 में भी जारी रखा और हमने इस बार हिसाब-किताब और पारदर्शी बनाया है। कुछ भी छिपाया नहीं गया है। हम साफ-साफ दिखा रहे हैं कि पैसे कहां खर्च हो रहे हैं। एफसीआई को दिए गए पैसे का भी वर्णन किया गया है। अत: सरकार के राजस्व और व्यय के ब्यौरों का लेखा-जोखा अब अधिक खुला व पारदर्शी हो गया है।’

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