हाईकोर्ट के जज के बयान पर घमासान
स्वतंत्रदेश ,लखनऊविश्व हिंदू परिषद की ओर से रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के बयान पर विवाद गहरा गया है। अब इस पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने जो कहा है हम उसके लिए क्षमाप्रार्थी नहीं हैं। हम समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर बात करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए न्यायाधीशों को आमंत्रित करते रहते हैं। अगर उन्होंने कहा भी है कि कानून बहुसंख्यकों के अनुसार काम करना चाहिए तो भी हम इसके लिए क्षमाप्रार्थी नहीं हैं।विहिप के अध्यक्ष ने कहा कि बहुसंख्यकों की भावनाओं को भी देश में वैसा ही सम्मान मिलना चाहिए जितना अल्पसंख्यकों को दिया जाता है। जैसे हम गाय का सम्मान करते हैं तो इस भावना का सम्मान किया जाना चाहिए। गोहत्या को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए जिससे सभी धर्मों का सम्मान हो।
जज ने ये दिया था बयान
न्यायमूर्ति यादव ने कथित तौर पर बहुसंख्यक समुदाय के पक्ष में टिप्पणी की। इसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदुस्तान बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार काम करेगा और सुझाव दिया कि कानून बहुसंख्यकों के हितों के अनुरूप है। न्यायाधीश ने मुस्लिम समुदाय के भीतर की प्रथाओं की भी आलोचना की, जिसमें बहुविवाह, हलाला और ट्रिपल तलाक का संदर्भ दिया गया और इनकी तुलना हिंदू परंपराओं से की गई। इन टिप्पणियों में कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है, जिसके कारण भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष और समतावादी मूल्यों को कमजोर करने के लिए कड़ी आलोचना की गई है।