उत्तर प्रदेशराज्य

देश के सबसे बड़े मेले में एंट्री लिए ये शर्त

 स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:कोरोना संक्रमण काल का यह देश का सबसे बड़ा मेला है, जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना व  सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। ऐसे में मेला प्रशासन ने इस बार कुछ ऐसी व्यवस्था की है जो माघ मेला के इतिहास में पहली बार हुई है। मसलन, हर श्रद्धालु को अपनी कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट लाना होगा। घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्नान की व्यवस्था की गई है।

             यहां 14 जनवरी से माघ मेले की शुरुआत होगी।

 

संगत तट पर हर वर्ष लगने वाले माघ मेले के प्रमुख स्नान पर्वों को मिलाकर करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। तकरीबन 5 लाख साधु संत और श्रद्धालु यहां अस्थाई निवास बनाकर मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक रहते हैं। जिन्हें कल्पवासी कहा जाता है। लेकिन इस बार माघ पूर्णिमा तक ही कल्पवास की छूट दी गई है। ऐसे में कोरोना काल में भीड़ को नियंत्रित करना और सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित घर वापस भेजना मेला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इस बार माघ मेला कोविड.19 गाइडलाइन के अनुसार कराया जा रहा है। इसलिए श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संतों को कोविड की निगेटिव जांच रिपोर्ट के आने के बाद मेला में प्रवेश मिलेगा।

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