अजीत हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख अजीत सिंह की हत्या की अहम वजह एक लाख के इनामी बदमाश कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर के बारे में पुलिस को लगातार सूचना देना था। दरअसल, ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू और फिर अखंड प्रताप सिंह के जेल में बंद होने के बाद अजीत आश्वस्त था कि दोनों अब जल्द बाहर नहीं आएंगे।
ऐसे में अब वह खुद के लिए सबसे बड़ा खतरा चोलापुर थाने के हिस्ट्रीशीटर गिरधारी को मान कर जनवरी 2020 से लगातार उसकी मुखबिरी कर उसके बारे में सूचनाएं पुलिस को दे रहा था। दिसंबर 2020 के आखिरी दिनों से गिरधारी को लेकर अजीत एक बार फिर तेजी से सक्रिय हुआ और आखिरकार वह मारा गया।
जनवरी 2020 में आजमगढ़ के तरवां क्षेत्र में आयोजित विवाह समारोह में गिरधारी के आने की सूचना अजीत ने वाराणसी पुलिस को दी, लेकिन वह पकड़ा नहीं जा सका। गिरधारी को यह जरूर पता लग गया था कि अजीत ने उसके बारे में पुलिस को सूचना दी है। इसके बाद अजीत भी सतर्क रहते हुए लगातार गिरधारी की लोकेशन की टोह लेने का प्रयास करता रहता था।
कोरोना काल के बाद फिर हुआ था सक्रिय
कोरोना काल में लॉकडाउन आदि के कारण अजीत शांत हो गया था। अगस्त 2020 के बाद गिरधारी को लेकर अजीत दोबारा सक्रिय हुआ और दिसंबर के आखिरी में उसके बारे में पुलिस को उसके बारे में फिर सूचनाएं देने लगा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अजीत की मुखबिरी के कारण गिरधारी की आवाजाही में अड़चन आने लगी तो उसने उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई। इसके बाद अजीत के ही कुछेक करीबियों को अपने पाले में लेकर गिरधारी ने उसकी रेकी करनी शुरू की। इसके बाद लखनऊ में मुफीद स्थान देखकर बुधवार की रात अजीत की हत्या कर दी गई
70 से अधिक आपराधिक मामलों का आरोपी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू आजमगढ़ जिले में वर्ष 2005 में रजिस्टर्ड डी-11 गैंग का सरगना है। इस गिरोह का सबसे तगड़ा शॉर्प शूटर गिरधारी है। पुलिस के अनुसार कुंटू का सहयोगी जेल में बंद अखंड है।