उत्तर प्रदेशराज्य

अब पक्षियों की जान का दुश्‍मन बना चाइनीज मांझा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :आधुनिकता के इस डिजिटल युग में भी पतंगबाजी का शौक सिर चढ़कर बोल रहा है। वहीं, चाइनीज मांझे का कलंक अब इस शौक को कटघरे में भी खड़ा कर रहा है। इस मांझे से राहगीर घायल हो रहे हैं तो एक साल में 1500 से दो हजार पक्षियों की जान भी जा रही है। लखनऊ विवि के इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्ड साइंस की प्रो.अमिता कनौजिया ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन पतंग से घायल पक्षियों को बचाने और उनकी दिनचर्या में पड़ने वाले पर्यावरणीय प्रभाव पर मंथन होगा। मकर संक्रांति पर पक्षियों के रेस्क्यू अभियान के साथ ही पतंग न उड़ाने की अपील की जाएगी।

लखनऊ में मकर संक्रांति पर पतंग न उड़ाने की अपील। मांझे से राहगीर घायल हो रहे हैं तो एक साल में 1500 से दो हजार पक्षियों की जान भी जा रही है।

रही सही कसर प्रदूषण की वजह पर्यावरण में आए बदलाव ने पूरी कर दी। आलम यह है कि कुकरैल व चिड़ियाघर के पास आने वाले साइबेरियन पक्षियों ने मुंह मोड़ लिया है। वाहनों के शोर की वजह से पक्षी अब नहीं आ रहे हैं। नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के चिकित्सक डॉ.अशोक कश्यप ने बताया कि भी मौसम में आए बदलाव का असर यह रहा कि चिड़ियाघर के पास पक्षी नहीं आ रहे हैं।

ऑनलाइन आ रहा है चाइनीज मांझा

राजधानी में पतंग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अब्दुल हमीद ने बतायाकि शहर में चाइनीज मांझा नहीं बिकता है, इसके बावजूद आम दुकानदारों को उसी नजर से देखा जाता है। हम सब चाइनीज मांझे को बेचने वालों का विरोध करते हैं। बड़ी ऑनलाइन कंपनियां इसका कारोबार करती हैं। राजेंद्रनगर काइट क्लब के उमेश शर्मा व संदीप शर्मा ने बताया कि दुकानदारों और पतंग के शौकीन चाइनीज माझे का प्रयोग न करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाजा रहा है।

पुलों पर लगे तार तो रुकेगी दुर्घटना

राजेंद्रनगर के पतंगबाज संदीप शर्मा बताते हैं कि पेंच लड़ाने के साथ ही लूटी पतंग की बात ही कुछ और है। खरीदकर पतंग उड़ाने से इतर लूटी पतंग उड़ाने का मजा ही कुछ अलग होता है। सरकार को पुलों पर तार बांधकर घटनाओं को रोक सकती है। पतंगकारोबारी नीरज रस्तोगी व विवेक अग्रवाल ने बताया कि कटी पतंग लूटने वाले का जलवा होता है। पतंग भले ही लूट में फट जाए, लेकिन जिसके हाथ लगती है, उसका सब सम्मान भी करते थे। दीपावली के दूसरे दिन में पतंग उड़ाने की सदियों पुराना चलन चला आ रहा है।

Related Articles

Back to top button