किन्नरों के लिए बन रहा देश का पहला आश्रम
स्वतंत्रदेश , लखनऊ: दूसरों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने वाले किन्नरों का दिल किस कदर टीस से भरा होता है, उसे कोई देख नहीं पाता। न रहने का ठिकाना और न जीवनयापन का कोई साधन। अब खुर्जा के गांव टैना में उनकी जिंदगी को लेकर शानदार ख्वाब संजोया गया है। यहां थर्ड जेंडर के लिए देश का पहला आश्रम बनने जा रहा है। यहां रहने वाले किन्नरों के रोजगार का भी इंतजाम किया जाएगा। यह बीड़ा उठाने वाली समाजसेवी रंजना को अपने जेवर तक बेचने पड़ गए।
थर्ड जेंडर का जीवन यापन दया व इमदाद पर आश्रित है। रोजगार भी लोगों की खुशियों में छिपा है। जो मिल गया, उसे किस्मत मान लिया। अधिकांश किन्नर गुरुओं व साथियों के रहमोकरम पर जिंदा हैं। नाफरमानी पर सीधे सड़क पर आ जाते हैं। समाजसेवी रंजना अग्रवाल बताती हैं कि पांच साल की रिसर्च में किन्नरों की यह भयावह तस्वीर सामने आई। छत के अभाव में किन्नर शारीरिक शोषण का शिकार होते हैं।