SIT को कॉल डिटेल से मिले कमीशनखोरी के कई सुराग
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में करोड़ों के ओवरलोडिंग घोटाले में विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने अपनी जांच तेज की है। नए वर्ष में इस घोटाले से जुड़े अफसरों की मुश्किलें बढ़ने तय है। एसआइटी अब जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह में परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि आजमगढ़ के एआरटीओ से पूछताछ के बाद एसआइटी ने गोरखपुर, मऊ, बलिया, जौनपुर व चंदौली के एआरटीओ के बयान भी दर्ज किए हैं। एसआइटी ने अब तक की जांच में तय कमीशन लेकर ओवरलोडिंग वाहनों को छोड़े जाने से जुड़े साक्ष्य जुटाए हैं। जिनके आधार पर ही परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों से सवाल-जवाब की तैयारी है।
एसआअटी ने ओवरलोडिंग घोटाले में परिवहन विभाग में तैनात रहे कई सिपाहियों से भी बीते दिनों लंबी पूछताछ की थी। कॉल डिटेल में उन सिपाहियों के ओवरलोडिंग वाहनों से वसूली करने वाले एजेंटों के सीधे संपर्क में होने की बात सामने आई थी। जांच में बस्ती, सोनभद्र, देवरिया, मऊ व भदोही में परिवहन विभाग में तैनात सिपाहियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी और उनसे कॉल डिटेल के आधार पर पूछताछ की गई थी। एसआइटी ने कुछ निजी व्यक्तियों के बयान भी दर्ज किए थे। ओवरलोडिंग घोटाले में एसआइटी के रडार पर कई ट्रांसपोर्ट संचालक भी हैं, जिनसे जनवरी 2021 में पूछताछ की जा सकती है।
एसटीएफ ने गोरखपुर में ओवरलोडिंग घोटाला पकड़ा था। एसटीएफ ने गोरखपुर में ढाबा संचालक धर्मपाल व एजेंट आशीष समेत अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया था। जांच में गोरखपुर के अलावा कई अन्य जिलों में भी ओवरलोड वाहनों से वसूली का खेल सामने आया था। शासन ने पूरे प्रकरण की जांच एसआइटी को सौंपी थी। ओवरलोडिंग घोटाले में गोरखपुर, संतकबीरनगर, मऊ, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर व सोनभद्र समेत 18 जिलों के परिवहन अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका जांच के दायरे में है।