उत्तर प्रदेशराज्य

LDA की 56 संपत्ति मामला: कागजात नहीं

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के लिए 56 संपत्तियों का मामला सिरदर्द बन गया है। साइबर एक्सपर्ट सवा माह बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। वहीं प्राधिकरण ने 56 संपत्तियों पर काबिज लोगों को जब नोटिस भेजी तो ऐसा जवाब आया, जिससे प्राधिकरण के पाले में फिर से गेंद आ गई है। पत्राचार के माध्यम से लविप्रा ने संपूर्ण दस्तावेज दिखाने की बात कही थी।

कब्जेदारों ने कंप्यूटर से पत्रावली को हटवाने का लगाया आरोप। रजिस्ट्री की नहीं कर रहे हैं कोई बात कब्जेदारों के पास कोई मजबूत आधार नहीं।

वहीं, कब्जेदारों ने कहा कि उनके पास ओटीएस की रसीदें हैं, जो पत्राचार में संलग्न हैं। कुल मिलाकर रजिस्ट्री के कागजात किसी भी कब्जेदार ने होने की बात नहीं स्वीकारी है। सवाल खड़ा होता है क्या इन रसीदों के आधार पर जिन्हें कोई भी जमा कर सकता है, इससे संपत्ति के स्वामित्व का निर्धारण होता है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के सिस्टम एक्जीक्यूटिव एसबी भटनागर ने  गोमती नगर के वास्तु खंड में छह संपत्तियों के खेल के  बाद पचास संपत्तियों की सूची सचिव प्राधिकरण को सौंपी थी। तर्क दिया था कि कंप्यूटर में छेड़छाड़ करके रिकार्ड में हेरफेर किया गया। अब सवाल खड़ा होता है कि किस की बात सही है सिस्टम एक्जीक्यूटिव की या फिर उन कब्जेदारों की जो आरोप लगा रहे हैं कि कंप्यूटर में चढ़े रिकार्ड को बाबू और योजना देख रहे अफसरों ने हटवाया है। इन पचास संपत्तियों में गोमती नगर विस्तार, जानकीपुरम, कानपुर रोड योजना, ट्रांसपोर्ट  नगर सहित अलग अलग योजनाएं हैं। खासबात है कि वर्ष 2020 में ही कब्जेदारों ने ओटीएस का लाभ लिया।

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