उत्तर प्रदेशराज्य

गांव की सरकार का कार्यकाल समाप्त, चुनाव का इंतजार

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में गांवों की सरकार यानी पंचायत की सरकार का कार्यकाल आज समाप्त हो गया। ग्राम पंचायत में अब प्रधानों की नहीं चलेगी। शनिवार से ग्राम पंचायत का काम एडीओ देखेंगे।

उत्तर प्रदेश में 58 हजार गांवों में अज रात से प्रधानी का राज समाप्त हो गया है। प्रदेश में अभी पंचायत के चुनाव की तारीख तय न होने के कारण गांव के लोगों को प्रधान का इंतजार करना होगा। पंचायतों के प्रधान का कार्यकाल 25 तक ही था।

उत्तर प्रदेश में 58 हजार गांवों में अज रात से प्रधानी का राज समाप्त हो गया है। प्रदेश में अभी तक पंचायत के चुनाव की तारीख तय न होने के कारण गांव के लोगों को प्रधान का इंतजार करना होगा। प्रदेश में ग्राम पंचायतों के प्रधान का कार्यकाल 25 दिसंबर तक ही था। अब प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। माना जा रहा है कि करीब तीन महीने तक अभी प्रदेश के गांव प्रधानविहीन रहेंगे।

उत्तर प्रदेश में अभी तक पंचायत चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं हुई है। गांवों में इन दिनों मतदाता सूची के पुनरीक्षण का अभियान गति पकड़ चुका है जबकि ब्लॉक तथा जिला पंचायत के चुनाव को भी लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। प्रदेश के गांवों में प्रधान का कार्यकाल समाप्त हो गया है। अब कल से प्रधानों के बाकी कामों को एडीओ पूरा करने की जिम्मेदारी लेंगे। प्रदेश में आज आधी रात के बाद से प्रधानी राज खत्म हो जाएगा। प्रदेश के 58 हजार गांवों में प्रधानी खत्म हो जाएगी।

पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटी सरकार: उत्तर प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। अनुमान है कि उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटकर चुनाव कराने की तैयारी है। पूर्वी यूपी, पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड और मध्य यूपी में प्रदेश के सभी 75 जिलों को बांटा जाएगा। इसके आधार पर चुनाव कार्यक्रम तैयार हो रहा है। माना जा रहा है कि प्रदेश को चार हिस्सों में बांटकर चुनाव कराने में आसानी होगी। इसके आधार पर जरूरत के मुताबिक सुरक्षा के इंतजाम भी हो जाएंगे और एक साथ भार भी नहीं पड़ेगा।

नगरीय सीमा का विस्तार होने से ग्राम पंचायतें और क्षेत्र पंचायतें कम हुई हैं। इनके पुनर्गठन के लिए परिसीमन का काम शुरू कराते हुए 15 जनवरी तक पूरा करने की तैयारी है। इसके साथ ही जनवरी में ही आरक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा। आरक्षण के फार्मूला पर मंथन चल रहा है। आयोग ने 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची हर हाल में तैयार करने को कहा है।

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