उत्तर प्रदेशराज्य

GST बन गई है सिर दर्द

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :जीएसटी के चार साल पूरे होने पर व्यापारी संगठनों ने इसको सबसे बड़ा सिर दर्द बताया है। इसके सरलीकरण को लेकर मांग तेज होने लगी है। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल एवं कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी के चार साल पूरे होने पर कहा कि यह मूल घोषित उद्देश्य “गुड एंड सिंपल टैक्स के ठीक विपरीत है। देश के व्यापारियों के लिए एक बड़ा सिर दर्द बन बैठा है।

            4 साल बाद भी जीएसटी पोर्टल कई चुनौतियों से जूझ रहा है।

GST के संशोधित नियम बने सिरदर्द

वर्तमान जीएसटी कर प्रणाली भारत में हो रहे व्यापार की जमीनी हकीकत और व्यापार करने के तौर तरीके के साथ तालमेल नहीं बैठा पाई है। जीएसटी के तहत अभी हाल ही के महीनों में हुए विभिन्न संशोधनों और नए नियमों ने इसको और ज्यादा जटिल कर दिया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि यह नरेंद्र मोदी के इज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की मूल धारणा के बिलकुल खिलाफ है। वहीं, कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीता रमन से मिलने का समय मांगा है।

जीएसटी पोर्टल ठीक से काम नहीं कर रहा है

संजय गुप्ता ने कहा की जीएसटी को कठिन करने में केंद्र सरकार की बजाय राज्य सरकारों का योगदान ज्यादा है। भारत में जीएसटी लागू होने के चार साल बाद भी जीएसटी पोर्टल अभी भी कई चुनौतियों से जूझ रहा है। सही तरीके से काम नहीं कर रहा। नियमों में संशोधन किया गया है लेकिन पोर्टल उन संशोधनों के साथ समय पर अद्यतन करने में विफल है।अभी तक कोई भी राष्ट्रीय अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन नहीं किया गया है। “

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