बे-टाइम’ रात में हो जाती हैं लखनऊ की सड़कें अंधेरी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:बत्ती जली और फिर रात आठ बजे से सड़कें अंधेरे में डूब गईं। कहीं रात दस बजे रोड लाइट बंद हो जाती है और तो कहीं देर रात। फिर अंधेरे में ही सफर करिए। चाहे शहर में अपनी पहचान बन चुके गड्ढे में आप गिर जाइए या फिर किसी लुटेरे का शिकार बन जाइए। अफसरों को इससे कोई मतलब नहीं हैं।शहर की रोड लाइट का जिम्मा पाई निजी कंपनी से शहरवासी तो परेशान हैं।

वहीं, नगर निगम के अधिकारी भी दुखी हैं, लेकिन अपने प्रभाव के कारण वह किसी की भी शिकायतों का निराकरण नहीं कर रही है, लिहाजा शहर के अधिकांश इलाके शाम बाद से अंधेरे में डूबने लगते हैं। एक तरफ लखनऊ सेफ सिटी योजना में शामिल है और सड़कों को रोशन किए जाने का दावा हो रहा है, जिससे महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाओं पर अंकुश लग सके तो दूसरी तरफ सड़कों पर शाम बाद अंधेरा ही तमाम सवाल खड़ा कर रहा है।
लाइन में फाल्ट से दिक्कत
- ईईसीएल के लखनऊ हेड प्रियव्रत तोमर का कहना है कि समय से पहले लाइन बंद होने की समस्या लाइन में फाल्ट होने से होती है और लाइन को ठीक कराने का जिम्मा नगर निगम का है, जहां से भी लाइट बंद होने की शिकायतें मिलती है तो उसे ठीक करा दिया जाता है।
- नवाईया गणेशगंज तीसरी गली निवासी आकाश शर्मा के यहां एक साल से रोड लाइट खराब है लेकिन दर्जनों शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और शाम बाद अंधेरे में सड़क डूबी रहती है।
- नरही समेत आसपास के इलाकों में छह बजे रोड लाइट जलती है और रात आठ बजे ही बंद हो जाती है।