उत्तर प्रदेशराज्य

कानून व्यवस्था पर भारी न पड़ जाए स्मार्ट सिटी के काम

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :स्मार्ट सिटी की रैंक‍िंग में आठ नंबर उछाल आने से अफसर खुश हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सीवर लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कों ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है और लोग दुर्घटना का शिकार बन रहे हैं। संचार सेवाएं ध्वस्त हो गई हैंं, तो बैंकिंग सेवाएं भी प्रभावित है। अगर जिम्मेदार अफसर सजग नहीं हुए तो स्मार्ट सिटी के कार्य कानून व्यवस्था पर भारी पड़ सकते हैं।

डीएम आवास लालबाग में नया विधायक निवास लालबाग बीएन रोड हुसैनगंज कैंट रोड हुसैनगंज और बैंकों को दी जाने वाली हाई स्पीड लाइन को टुकड़े -टुकड़े कर दिया गया

खोदाई से बिजली के केबल कटने से रविवार को लालबाग और कैसरबाग से जुड़े कई इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति प्रभावित रही। हर कोई बिजली विभाग को फोन कर रहा था तो बिजली विभाग के कर्मचारियों देखकर बिजली आने का समय पूछ रहा था। जिलाधिकारी आवास की भी बिजली गुल रही। जेसी बोस, मार्ग, जयभारत रोड, जज कंपाउड की बिजली सुबह से ही गुल हो गई और शाम तक कुछ जगह की बिजली आ पाई थी।

बंद हो गई दूर संचार सेवाएं

डीएम आवास, लालबाग में नया विधायक निवास, लालबाग, बीएन रोड, हुसैनगंज, कैंट रोड, हुसैनगंज और बैंकों को दी जाने वाली हाई स्पीड लाइन को टुकड़े -टुकड़े कर दिया गया, लिहाजा इन जगहों पर बीएसएनएल की संचार सेवाएं प्रभावित है तो कई निजी मोबाइल कंपनी भी परेशान हैं। बैंकों को दी जाने वाली हाई स्पीड लाइन कट जाने से बैंकिंग सेवाएं भी प्रभावित हो रही है।

दुर्घटना बन सकते हैं गहरे गड्ढे

सीवर लाइन डालने के लिए कई जगह गहरी खोदाई की गई लेकिन बैरिकेंडिंग करने के नाम पर खाना पूरी की जा रही है। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बन गई है और रात में कोहरे से अनजान लोग गड्ढे में गिरकर दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। यह दृश्य लालबाग से लेकर कैसरबाग की कई सड़कों पर देखा जा सकता है।

अफसर ही बचा रहे ठेकेदारों को

वायु प्रदूषण रोकने का दावा करने वाले अफसर सीवर लाइन की खोदाई कर वायु प्रदूषण बढ़ा रही कंपनी के खिलाफ कार्रवाई से अफसर कतरा रहे हैं। दो नवंबर को नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने हजरतगंज, कैसरबाग और लालबाग में सड़क खोदकर डाली जा रही सीवर लाइन के कार्यों को देखा था। खोदाई से बढ़ रहे वायु प्र्रदूषण से बचाव के उपाय नहीं किए गए थे। नगर आयुक्त ने जल निगम के प्रत्येक कार्यस्थलवार 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने और ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था।

 

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