उत्तर प्रदेशराज्य

संवरेगी छह शहरों की सूरत… 26 हजार वर्ग किमी होगा दायरा

स्वतंत्रदेश ,लखनऊराजधानी लखनऊ के आसपास के छह जिलों को मिलाकर बनाए जा रहे यूपीएससीआर (उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन) का दायरा 26 हजार वर्ग किमी का होगा। विकास के तमाम कार्यों के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसमें एक सेंट्रल म्यूजियम बनेगा। इसमें पर्यटक स्थलों के एआई विजुअल्स प्रदर्शित होंगे। हरदोई-सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को उद्योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। शुक्रवार को यूपीएससीआर की सर्वे रिपोर्ट की एलडीए कार्यालय में प्रस्तुति हुई। इसमें अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।

एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने बताया कि यूपीएससीआर के लिए जीआईएस आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने के लिए कंसल्टेंट के रूप में एई कॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं एजीस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स कंपनी का चयन किया गया है। कंसल्टेंट कंपनी एक वर्ष में रीजनल प्लान तैयार करेगी।इसके बाद कंपनी अगले पांच वर्ष में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिह्नित करते हुए उनकी डीपीआर तैयार करेगी। साथ ही धरातल पर परियोजनाएं शुरू कराने का काम भी सुनिश्चित कराएगी। एससीआर में लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली जनपद शामिल हैं। इसका क्षेत्रफल लगभग 26,000 वर्ग किलोमीटर है। 

आसपास के जनपदों को भी विकसित किया जाएगा

कंसल्टेंट कंपनी ने सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि अन्य जनपदों की तुलना में लखनऊ अधिक विकसित है। आसपास के जनपदों से रोजाना हजारों लोग व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य कारणों से लखनऊ आते हैं। एससीआर के क्रम में आसपास के जनपदों का भी समानांतर रूप से विकास किया जाएगा। 

इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार व व्यवसाय के अवसर सृजित होंगे। गांवों तक शहरी सुविधाएं पहुंचेंगी और लोगों को उनके क्षेत्र में ही निवास, व्यापार व नौकरी आदि के लिए बेहतर माहौल मिलेगा। साथ ही जनपदों के बीच हाई स्पीड कनेक्टिविटी का प्रावधान करने से पलायन में कमी आएगी। प्रजेंटेशन के मौके पर विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, मुख्य नगर नियोजक केके गौतम, मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा प्रमुख रूप से मौजूद थे।

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