पारा चढ़ने के साथ बढ़ती गईं मौतें… पर रिकॉर्ड में गर्मी से एक भी नहीं
स्वतंत्रदेश ,लखनऊइस बार की गर्मी जानलेवा साबित हुई है। तापमान बढ़ने के साथ पोस्टमार्टम हाउस में बढ़ती शवों की संख्या इस बात की गवाह हैं। आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में पोस्टमार्टम के लिए 396 शव आए थे, जिसमें से अज्ञात शवों की संख्या सिर्फ 52 थी। मई में पारा चढ़ा तो पोस्टमार्टम में शवों की संख्या बढ़कर 608 पर पहुंच गई और जून में जब गर्मी चरम पर पहुंची तो सिर्फ 21 दिन में ही पोस्टमार्टम हाउस में 769 शव पहुंच गए। यहां यह भी बता दें कि जहां मई में कुल 106 अज्ञात शव मिले थे वहीं जून में अब तक 203 अज्ञात शव पोस्टमार्टम हाउस में आ चुके हैं।

खास बात यह है कि इन शवों का पंचनामा भरते हुए पुलिस ने भी इनकी मौत का कारण गर्मी माना है लेकिन प्रशासन के रिकार्ड में एक भी मौत गर्मी से होना दर्ज नहीं है। वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट है, जिसमें इनके मौत का कारण हार्ट अटैक और मल्टी ऑर्गन फेल्योर बताई गई है।
गर्मी ने अपना प्रचंड रूप मई के आखिरी छप दिनों में दिखाना शुरू किया था और तब 35 साल बाद ऐसा हुआ था कि लगातार छह दिन तक तापमान 45 डिग्री से ऊपर बना रहा। नौतपा इन छह दिनों में ही 72 अज्ञात शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे थे, जबकि मई के इसके पहले के 24 दिनों में सिर्फ 34 अज्ञात शव ही आए थे।नौतपा के दौरान आए शवों के पंचनामा में मौत की वजह भीषण गर्मी ही बताई गई थी। 29 मई को पारा 48.4 डिग्री पर पहुंच गया था। जून में भी यही हाल रहा और मौतों का आंकड़ा बढ़ता चला गया। किसी की मौत पेड़ के नीचे आराम करने के दौरान हो गई तो तो कोई साइकिल चलाते-चलाते गिरा और उसकी मौत हो गई। इसके अलावा शहर में अकेले रह रहे बुजुर्ग व बीमार लोग घरों में भी मृत पाए।
इन मामलों में फॉरेंसिक रिपोर्ट में भी गर्मी को ही मौत की वजह बताया गया था। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्टों में मौत का कारण अंदरूनी अंगों के फेल होना व हार्ट अटैक को ही प्रमुख रूप दर्शाया गया। हालांकि चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि भीषण गर्मी भी हार्ट अटैक और अंगों के फेल होने का कारण हो सकती है।
लावारिस शवों से पट गई थी मोर्च्युरी, अंतिम संस्कार भी बढ़े
आम दिनों में रोजाना 10 से 12 शव ही पोस्टमार्टम के लिए आते थे, लेकिन पारा 45 पार पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम के लिए पहुंचने वाले शवों की संख्या दोगुने से ज्यादा हो गई। पोस्टमार्टम हाउस और मोर्च्युरी में शवों के ढेर लगने लगे। कई दिन तो शवों को पोस्टमार्टम हाउस परिसर में खुले आसमान के नीचे रखना पड़ा। इसी तरह शहर के घाटों में भी रोजाना डेढ़ सौ से ज्यादा शव अंतिम संस्कार के लिए आने लग जबकि सामान्य दिनों में इनकी संख्या 60 के आसपास रहती थी।
विशेषज्ञ बोले, लू कर देती है अंदरूनी अंग फेल, हो जाती है मौत
पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाकर जिला प्रशासन भले ही गर्मी से एक भी मौत की बात कह रहा हो, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी और लू से अंग फेल होने या हार्ट अटैक हो रहे हैं। उनका मानना है कि लू लगने का शरीर के अंदरूनी अंगों पर प्रभाव इतना तेज होता है कि अगर तुरंत इलाज न मिला तो मौत हो जाती है।
हीट सेंटर फेल होने से अंग दे देते हैं जवाब
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सीनियर फिजीशियन डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि व्यक्ति के मस्तिष्क के थेलेमस में हीट कंट्रोल सिस्टम होता है। लू या गर्मी लगने से यह सेंटर फेल हो जाता है। हीट सेंटर के फेल होने से शरीर का तापमान एकदम से बढ़ता है। अंदरूनी अंगों पर गर्मी का असर आता है और फेल हो जाते हैं। व्यक्ति को चक्कर और बेहोशी आती है, नीचे गिरता है और मौत हो जाती है। जांच में मल्टी आर्गन फेल्योर आएगा।
ओवर हीट से अंग तेजी से क्षतिग्रस्त होते हैं
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और सीनियर चेस्ट फिजीशियन डॉ. एसके कटियार का कहना है कि लू या गर्मी लगने से डिहाइड्रेशन हो जाता है। शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। गर्मी से शरीर के एक-एक अंग डैमेज होने लगते हैं। अगर पहले टीबी या सांसतंत्र का रोगी है तो उसके अंग जल्दी फेल होते हैं। ऐसे रोगियों के शरीर का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है। ओवर हीटिंग से वैसे शरीर की पूरी कार्यक्षमता ही प्रभावित होती है जिससे मौत हो सकती है।
गर्मी से रुक जाती हृदय की धड़कन
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्राचार्य सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरती लालचंदानी का कहना है कि लू लगने से गर्मी में हार्ट की धड़कन रुक जाती है। हृदय को 30 डिग्री सेल्सियस पर काम करने पर आसानी होती है और जब तापमान 38 डिग्री पर पहुंचता है तो दिक्कत होने लगती है। लू लगने और गर्मी लगने पर हृदय के अंदर विद्युत प्रवाह प्रभावित होता है। इसके अलावा हृदय की मांसपेशियों के सिकुड़ने की क्रिया पर भी असर आता है। हार्ट फेल होता है और रोगी मौत हो जाती है। पोस्ट मार्टम में कारण हार्ट फेल आता है।