उत्तर प्रदेशराज्य

अब नक्शा पास कराने के लिए नगर निगम से नहीं लेनी होगी एनओसी

स्वतंत्रदेश ,लखनऊमानचित्र अनापत्ति (एनओसी) के चक्कर में नगर निगम में बेवजह अटक रहे मामलों को देखते हुए एलडीए ने अब व्यवस्था बदल दी है। अब एलडीए मानचित्र पास करने के लिए नगर निगम से एनओसी नहीं लेगा। इसको लेकर एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है। नगर निगम में लंबित एनओसी और व्यवस्था में बदलाव किए जाने को लेकर अमर उजाला ने 01 मार्च को खबर भी प्रमुखता से प्रकाशित की थी।मकान बनाने के लिए मानचित्र पास कराने के लिए एलडीए अलग-अलग कई विभागों से एनओसी लेता है उनमें नगर निगम भी शामिल है। 

नगर निगम से एनओसी इसलिए ली जाती है ताकि यह जांच हो जाए कि जिस जमीन पर निर्माण के लिए मानचित्र पास कराया जा रहा है उसमें नगर निगम की सरकारी जमीन तो शामिल नहीं है लेकिन नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी अपने विभाग के अलावा नजूल और सीलिंग की जमीन की भी जांच करने लगते हैं। इस चक्कर में नगर निगम में कई-कई महीनें एनओसी अटकी रहती थी। जिसको लेकर एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने बीती सात फरवरी को एलडीए में आयोजित मानचित्र समाधान दिवस में कड़ी नाराजगी नगर निगम के नायब तहसीलदार से जताई थी और नगर निगम से एनओसी न लिए जाने के लिए व्यवस्था बदलने की बात भी कही थी। एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने कहा था कि कि नगर निगम जमीन की जांच की बजाए गृहकर, सीलिंग, नजूल आदि की भी जांच करने लगता है। अब मानचित्र की एनओसी से गृहकर की जांच करने क्या मतलब। गृहकर जमा है या नहीं यह अलग मसला है लेकिन इन सब मामलों में मानचित्र के मामले बेवहज अटकाए जाते हैं।

नगर निगम की बजाए तहसील से ली जाएगी एनओसी

एलडीए वीसी का कहना है कि नगर निगम सिर्फ विस्तारित इलाकों की ही जमीन की एनओसी दे पाता है। शहर केजो पुराने 86 मोहल्ले हैं उनका तो उसके पास रिकार्ड ही नहीं है। उसकी एनओसी वह एलडीए से रिपोर्ट लेकर देता है। ऐसे में जब एलडीए को ही रिकार्ड देखकर एनओसी देना है तो नगर निगम का क्या मतलब, रही बात विस्तारित इलाकों की तो उसकी एनओसी तहसील से ली जाएगी क्योंकि तहसील से सीलिंग की जमीन की एनओसी ली ही जाती है। तहसील के पास पूरे शहर का रिकार्ड रहता है ऐसे में एक ही जगह से दोनों एनओसी आ जाएगी। बाकी जांच एलडीए का सम्पत्ति विभाग कर लेगा। उसको निर्देश दिए गए हैं कि वह नगर निगम में शामिल जमीनों का रिकार्ड अपने पास रख ले ताकि नगर निगम की जमीनों की जांच व अपने स्तर पर कर ले।

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