पीडीए को लेकर विपक्ष का नैरेटिव तोड़ने की कोशिश
स्वतंत्रदेश ,लखनऊभाजपा ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र पर आगे बढ़ते हुए जिलाध्यक्षों के चुनाव में इसे चरितार्थ किया है। पार्टी ने सभी वर्गों को साधकर ‘मिशन-2027’ की ओर अपने कदम बढ़ाते हुए अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर ली है।

जिलाध्यक्षों की पहली सूची में भाजपा ने जिस तरह से अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग व अनुसूचित जाति को मिलाकर जातीय समीकरण का गुलदस्ता तैयार किया है, उससे स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी इसी रणनीति के दम पर विपक्ष को मात देने की तैयारी में है। भाजपा ने सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर ‘पीडीए’ की उपेक्षा को लेकर विपक्ष के नैरेटिव को भी तोड़ने की कोशिश की है।भाजपा ने रविवार को जिलाध्यक्षों की जो सूची जारी की उसमें सभी जातियों का समीकरण बिठाने की कोशिश की गई है। पार्टी ने अपने कोर वोटरों को भी मजबूती से थामा है। पार्टी ने 70 जिलाध्यक्षों में से 19 ब्राह्मण व 10 ठाकुरों को जिम्मेदारी दी है। इनके साथ ही चार वैश्य, तीन कायस्थ, दो भूमिहार व एक पंजाबी को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।पार्टी के रणनीतिकारों ने लंबे समय तक एक-एक जिले के सामाजिक और जातीय समीकरणों का अध्ययन कर जिस तरह से जिलाध्यक्षों के नामों का चयन किया है, उसे देखकर यह माना जा रहा है कि पार्टी इसी समीकरण के बल पर अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनावों से लेकर 2027 के विधानसभा चुनाव तक के राजनीतिक समीकरण को साधने की कोशिश करेगी।