गोमती सहित आठ नदियों में चलेंगी वाटर बस
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:गोमती सहित आठ नदियों में जल्द ही वाटर बस चलेंगी। इसके संचालन के लिए अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन की तैयारी शुरू हो गई। इसमें परिवहन, सिंचाई व पर्यटन विभाग आदि के 43 अधिकारी होंगे। इनकी संख्या बढ़ाई जा सकेगी। परिवहन आयुक्त अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के पदेन निदेशक होंगे। प्राधिकरण प्रदेश में नए राष्ट्रीय वाटरवे भी विकसित करेगा।
प्रदेश में हैं ये आठ जलमार्ग
नदी (जलमार्ग संख्या) लंबाई
यमुना (110) 1,089 किमी
गोमती (42) 518 किमी
असी (12) 505 किमी
घाघरा (40) 340 किमी
टोंस (103) 73 किमी
बेतवा (19) 68 किमी
चंबल (24) 60 किमी
वरुणा (108) 53 किमी
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन को लेकर मुख्य सचिव के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है। उनके दिशा-निर्देश के मुताबिक कुछ संशोधन को इसे फिर से प्रस्तुत किया जाएगा। फिर कैबिनेट से पास कराकर प्राधिकरण गठित कर दिया जाएगा।प्रदेश में गंगा नदी पर 1,620 किमी लंबा राष्ट्रीय जलमार्ग-1 प्रयागराज-हल्दिया विकसित किया जा रहा है। इस जलमार्ग पर वाटरवेज कॉरिडोर से संबंधित मिनी टर्मिनल के विकास और जलयानों के संचालन के लिए बंदरगाह बनाए जा रहे हैं। वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल, गाजीपुर में गाजीपुर टर्मिनल और चंदौली में फ्रेट विलेज का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह स्टेट वाटरवेज में काम कराए जाएंगे।
जल परिवहन प्राधिकरण नए साल में संभाल लेगा काम
परिवहन विभाग के अधिकारी ने उम्मीद जताई कि छह महीने में अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण गठन के साथ रूट तय कर लिए जाएंगे। वाटरवे बन जाएंगे और वाटर बसों की तैयारियां हो जाएंगी। टर्मिनल फाइनल कर यात्री सुविधाओं के कार्य कहां और कैसे होने हैं, यह तय किया जाएगा। नए साल में प्राधिकरण काम संभाल लेगा।