पूर्व गृह राज्य मंत्री को मिली राहत
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :एलएलएम छात्रा का जबरन यौन शोषण करने के मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह को मंगलवार को उस समय राहत मिल गई जब पीड़िता अदालत में अपनी गवाही के दौरान उनके खिलाफ लगाये गये आरोपों से मुकर गई। आरोपों से मुकर जाने के कारण अभियोजन पक्ष ने पीड़िता को पक्षद्रोही घोषित कर दिया और उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत अदालत में मुकदमे की एक अर्जी दाखिल की है।
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अभियोजन की इस अर्जी को दर्ज रजिस्टर करने का आदेश देते हुए इसकी प्रति पीड़िता व अभियुक्त को देने का भी आदेश दिया। ताकि वो अभियोजन की इस अर्जी पर अपना जवाब दाखिल कर सकें। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
दरअसल, पिछले साल 24 अगस्त को स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। यह डिग्री कॉलेज स्वामी चिन्मयानंद का ही है। पीड़िता के पिता ने शाहजहांपुर स्थित कोतवाली में उनके विरुद्ध मामला दर्ज कराया था। इसी मामले में उनके वकील ओम सिंह ने एक अज्ञात मोबाइल नंबर से 5 करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का मामला दर्ज करा दिया था।
20 सितम्बर को मुमुक्ष आश्रम से हुई थी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी
पिछले साल 20 सितंबर को यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद की मुमुक्ष आश्रम से गिरफ्तारी हुई थी। एसआईटी ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर चिन्मयानंद को आश्रम से गिरफ्तार किया था। इस मामले में 4 नवंबर, 2019 को एसआईटी ने चिन्मयानंद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें उन पर आईपीसी की धाराएं 376(सी), 354(डी), 342 व 506 लगाई गई थीं। तेरह पन्ने के चार्जशीट में 33 गवाहों के नाम व 29 दस्तावेजी साक्ष्यों की सूची संलग्न्न की गई थी।
एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था मामला
इसी साल 3 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद केस की सुनवाई शाहजहांपुर जिला अदालत से लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित की गई थी। इसी रोज हाईकोर्ट से अभियुक्त स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी भी मंजूर हुई थी। आरोप लगाने वाली युवती पर भी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर रंगदारी मांगने के आरोप हैं ओर कोर्ट में इस केस की सुनवाई चल रही है।