सॉल्वर गैंग प्रकरण , दौड़ के लिए एक दूसरे छात्र को किया था तैयार
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:कर्मचारी चयन आयोग की जीडी कांस्टेबल की परीक्षा को लेकर एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। गिरोह ने एक दिव्यांग को सिपाही बनाने का ठेका लिया था। उसकी जगह पर सॉल्वर परीक्षा भी दे चुका था जबकि दौड़ के लिए गिरोह ने एक अन्य छात्र को तैयार कर लिया था। जिसको दौड़ के बाद बीस हजार रुपये मिलने थे। इसलिए इस दिव्यांग अभ्यर्थी के प्रवेश पत्र में उसके साथ सॉल्वर व दौड़ लगाने वाले शख्स की फोटो में तीन फोटो मिक्स की गई थीं। प्रवेश पत्र समेत अन्य सभी दस्तावेज फोरेंसिंक जांच के लिए भेजे गए हैं।
एसटीएफ ने मंगलवार को सॉल्वर गिरोह का भंडाफोड़ किया था। गिरोह के सरगना सिपाही अच्युतानंद यादव के अलावा तीन सॉल्वर राकेश यादव, विवेक सिंह, मनोज झा व तीन अभ्यर्थी केशवानंद, गुड्डू यादव व मनोज यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक गोरखपुर निवासी गुड्डू यादव एक पैर से मामूली रूप से दिव्यांग है। इसके बावजूद उसने कांस्टेबल भर्ती के लिए फार्म भरा था। सॉल्वर गिरोह ने उसे सिपाही बनाने के लिए पांच लाख रुपये में डील की थी। 22 अगस्त 2022 को उसकी जगह पर सॉल्वर राकेश यादव ऑनलाइन परीक्षा दे चुका था। अब फिजिकल के लिए उसकी जगह एक अन्य को दौड़ाने की तैयारी थी। इस बीच एसटीएफ ने गिरोह का भंडाफोड़ कर सभी को धर लिया।
सिपाही निलंबित, सलमान की तलाश तेज
आरोपी सिपाही अच्युतानंद यादव की वर्तमान तैनाती अयोध्या में है। एसटीएफ ने उसकी गिरफ्तारी के बाद अयोध्या पुलिस को रिपोर्ट भेज दी थी। जानकारी के मुताबिक सिपाही पर विभागीय कार्रवाई करते हुए उसको निलंबित कर दिया गया था। प्रारंभिक जांच भी शुरू हुई है। उधर प्रयागराज निवासी सीआरपीएफ सिपाही सलमान की तलाश एसटीएफ ने तेज कर दी है। वह भी गिरोह का हिस्सा है। सूत्रों के मुताबिक सीआरपीएफ को इस संबंध में एसटीएफ ने जानकारी दी है। उसकी तलाश मं दबिश जारी है।