सरकार बेहद सख्त, माहौल बिगाड़ने के मामले में पांच गिरफ्तार
स्वतंत्रदेश,लखनऊ: हाथरस कांड को लेकर बढ़ती राजनीतिक हलचल के बीच पुलिस ने उत्तर प्रदेश में जातीय संघर्ष की साजिश को लेकर अपनी जांच का दायरा बढ़ाना शुरू कर दिया है। माहौल बिगाड़ने की साजिश को लेकर प्रदेश में 19 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने अब तक पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। हाथरस में दर्ज कराए गए छह मुकदमों में समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, भीम आर्मी के नेताओं समेत अन्य अज्ञात को आरोपित बनाया गया है। पूर्व विधायक राजवीर सिंह के विरुद्ध भी एफआइआर दर्ज की गई है।
सोशल मीडिया के जरिये माहौल बिगाड़ने की साजिश के मामले में लखनऊ कमिश्नरेट, लखनऊ ग्रामीण, बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर व प्रयागराज में अलग-अलग 13 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनके तहत पांच आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि पूरे प्रकरण में अब पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) समेत कुछ अन्य संगठनों की भूमिका की भी गहनता से छानबीन की जा रही है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि सभी मुकदमों में वीडियो व तस्वीरों के जरिए आरोपितों को चिह्नित कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कई संगठनों की भूमिका की भी गहनता से छानबीन के निर्देश दिए गए हैं। कुछ संगठनों व लोगों ने साजिश के तहत सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश की है। खुफिया तंत्र को भी उनकी भूमिका की जांच के लिए सक्रिय किया गया है।
हाथरस में युवती के स्वजन को दिया गया 50 लाख का प्रलोभन
एडीजी ने बताया कि हाथरस में कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं व नेताओं ने कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए लोगों को जुटाया और माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। युवती के परिवार को 50 लाख रुपये देने का प्रलोभन देकर भड़काने का प्रयास भी किया गया। हाथरस में प्रदर्शनकारी बैरीकेडिंग तोड़कर पुलिस पर भी हमलावर हुए। इन्हें लेकर हाथरस के चंदपा थाने में चार, सासनी कोतवाली में एक और थाना हाथरस गेट में एक मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमे जातीय उन्माद भड़काने, पुलिस पर हमला, यातायात बाधित करने, धारा 144 के उल्लंघन समेत अन्य धाराओं में दर्ज किए गए हैं।
मकसद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करना
हाथरस कांड के बाद उत्तर प्रदेश में सीएए की तर्ज पर दंगों के साथ जातीय हिंसा को भड़काने की बड़ी साजिश रची गई। मकसद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करना था। इस साजिश में विदेशियों के साथ में हमारे देश के लोग भी खेले। इस बड़ी साजिश का योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजफाश कर दिया है। इस मामले में एक वेबसाइट justiceforhathrasvictim.carrd.co की भूमिका सामने आई है। जिसको विदेशों से फंड मिल रहा था।