योगी नहीं चाहते BJP और राजभर का साथ?
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:ओमप्रकाश राजभर के बारे में यूपी में एक सवाल सभी की जुबान पर है। हर कोई जानना चाहता है कि अब राजभर की नई मंजिल कौन सी होगी? सवाल के जवाब हैरान करने वाले हैं। राजभर के पास फिलहाल अगला ऑप्शन बसपा ही है।
23 जुलाई 2022 को सपा की तरफ से चिट्ठी जारी होती है। ये सुभासपा के साथ गठबंधन को खत्म करने के लिए थी। इसमें लिखा था, ”आपका भाजपा से गठजोड़ है और आप भाजपा को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कहीं आपको ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।”इस पर राजभर ने कहा था,”मैं किसके साथ जाऊंगा? ये सपा ना बताए।” राजभर ने स्वीकार किया था कि बसपा से बात चल रही है। राजभर गृहमंत्री अमित शाह और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर चुके हैं। उनके कहने पर द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया था। इसके बाद भी राजभर के लिए भाजपा के दरवाजे बंद ही माने जा रहे हैं।राजभर हमेशा कहते रहते है,”मैं मुख्तार अंसारी के साथ हूं।” उनके बेटे अब्बास को सुभासपा से टिकट भी दिया। अब्बास चुनाव जीतकर विधायक भी बने। राजभर मुख्तार परिवार की मदद भी करते हैं। इसके पीछे वजह राजभर का वो सियासी सपना है, जो बिना अंसारी पूरा नहीं हो सकता। दरअसल, राजभर पूर्वांचल में अंबेडकरनगर से बलिया तक सपा की जगह लेना चाहते हैं। OBC और मुस्लिम का साथ मिलने पर ये पॉसिबल हो सकता है। ये तब होगा, जब गाजीपुर, आजमगढ़, अंबेडकर नगर और मऊ में अंसारी परिवार राजभर का साथ दे। मुख्तार परिवार की वजह से राजभर के लिए अब भाजपा ऑप्शन नहीं बन सकती है। इसके पीछे खुद सीएम योगी की ना है। राजभर जिसके दम पर सियासत कर रहे हैं, योगी की उससे अदावत है। राजभर अंसारी को नहीं छोड़ सकते और योगी के रहते भाजपा में अंसारी परिवार की एंट्री संभव नहीं है।