फाइनेंशियल हब बनेगा ग्रेटर नोएडा
फिल्म सिटी के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा को फाइनेंशियल हब भी बनाना चाहते हैं। इसके लिए जमीन के बेहतर विकल्प तलाशने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की डेढ़ दशक पहले नाइट सफारी के लिए प्रस्तावित 550 एकड़ जमीन को ही फाइनेंशियल हब के तौर पर विकसित किया जा सकता है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सिटी भी प्रस्तावित है।
दरअसल, बॉलीवुड और देश की आर्थिक राजधानी के तौर पर पहचान रखने वाली मुंबई में बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय काम करते हैं। मराठी मानुष जैसे मुद्दों को लेकर जब-तब वहां उत्तर भारतीय के साथ खराब व्यवहार होता रहा है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि उत्तर प्रदेश का ग्रेटर नोएडा न केवल बॉलीवुड के बेहतर विकल्प फिल्म सिटी के लिए, बल्कि बैंकिंग व वित्तीय संस्थाओं का बड़ा केंद्र यानी फाइनेंशियल हब भी बन सकता है। कारण है कि ग्रेटर नोएडा राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के पास तो है ही, वहां अब एशिया का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बन रहा है।
राजधानी लखनऊ में मंगलवार को फिल्मी दिग्गजों के साथ बैठक में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रेटर नोएडा में फिल्म सिटी की जमीन को अंतिम रूप दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथने फाइनेंसियल सिटी और इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाए जाने की बात भी कही। जमीन तलाशने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, डेढ़ दशक पहले तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जिस 550 एकड़ जमीन पर नाइट सफारी बनाने का ख्वाब देखा था, उस जमीन को ही फाइनेंशियल हब की तरह विकसित किया जा सकता है। एक बार जमीन तय हो जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसी तरह से बैंकिंग व वित्तीय संस्थाओं के प्रमुखों की बैठक बुला सकते हैं, जैसी उन्होंने फिल्म सिटी को लेकर बॉलीवुड के दिग्गजों के साथ की है।