अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए और एनआरसी के विरोध के चलते देश तोड़ने का बयान देने वाले शर्जील इमाम की शुक्रवार दोपहर में अलीगढ़ न्यायालय में पेशी हुई है। सीजेएम कोर्ट में करीब 15 मिनट तक उससे सवाल-जवाब हुए। उसके बाद उसको दिल्ली पुलिस वापस दिल्ली लेकर रवाना हो गई।
सीओ सिविल लाइन अनिल समानिया बताया कि शर्जील इमाम काफी लंबे समय से वांछित चल रहा था। सीएए-एनआरसी प्रदर्शन के दौरान जो मुकदमे दर्ज हुए थे, उसमें यह वांछित है। आज शर्जील इमाम को दिल्ली पुलिस तिहाड़ जेल से अलीगढ़ कोर्ट लेकर आई थी। सीजेएम न्यायालय में यहां पेश किया गया जहां, शर्जील इमाम का 167 सीआरपीसी के तहत पुलिस ने रिमांड मांगा गया है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवॢसटी (एएमयू) में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर 16 जनवरी को धरना में जेएनयू छात्र शर्जील इमाम ने भाषण दिया था। इसमें देश को बांटने की बात कही थी। इसका वीडियो वायरल होने पर 26 जनवरी को अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने शर्जील इमाम को बिहार से गिरफ्तार किया और तिहाड़ जेल भेज दिया था। यहां अलीगढ़ पुलिस ने वारंट दाखिल किया, लेकिन इससे पहले असम पुलिस उसे साथ ले गई थी। शर्जील को अब तिहाड़ से लाया गया है।
बॉबे सैयद गेट पर हुए प्रदर्शन को संबोधित किया था
दिसंबर 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बॉबे सैयद गेट पर चल रहे सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन दौरान छात्रों को संबोधित करने पहुंचे शर्जील इमाम द्वारा देश को तोड़ने बाला एक बयान दिया गया था। शर्जील इमाम द्वारा कहा गया था कि अगर असम और गुवाहाटी के हिस्से को हम देश से अलग कर दें, तो सरकार अपना फैसला वापस लेने पर मजबूर होगी। क्योंकि उस दौरान असम और गुवाहाटी क्षेत्र में सीएए और एनआरसी को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन चल रहे थे।