गंदे नालों की सफाई में अब प्रयोग होंगे जलीय पौधे
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में अब अनटैप्ड नालों की सफाई जलीय पौधों से होगी। सरकार ऐसे नालों का बायो फाइटो रेमेडिएशन तकनीक से उपचार करेगी। कुछ स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखकर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग इसे नगर विकास विभाग के सहयोग से पूरे प्रदेश में लागू करने जा रहा है। इसमें कम प्रवाह वाले अनटैप्ड नालों में ऐसी प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे, जो प्राकृतिक रूप से गंदगी को साफ करते हैं। इस तकनीक में आने वाला खर्च नगर विकास विभाग वहन करेगा।
उत्तर प्रदेश की 15 प्रमुख नदियों में 248 नाले बिना किसी उपचार के सीधे मिलते हैं। सबसे अधिक 106 नाले गंगा में मिलते हैं। काली में 31, हिंडन व रामगंगा में 19-19 यमुना में 14 और गोमती में 13 नाले सीधे गिरते हैं। इनके उपचार के लिए अब फाइटो रेमेडिएशन तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। इसमें ऐसे पौधे लगाए जाएंगे जो गंदे पानी में पनपते हैं। यह गंदगी को साफ कर उसमें आक्सीजन की मात्रा बढ़ाते हैं। अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह ने प्रभागीय वनाधिकारियों को अपने-अपने यहां ऐसे नालों को चिन्हित कर फाइटो रेमेडिएशन के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।