भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को नहीं दी मंजूरी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी है। अमेरिकी खाद्य एवं दवा नियामक ने भारत बायोटेक की अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक को सलाह दी है कि वह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन के जरिए आवेदन करे। इस घटनाक्रम के बीच सरकार ने कहा है कि भारत हर देश की नियामक प्रणाली का सम्मान करता है।
कोवैक्सीन को मंजूरी नहीं दिए जाने के एक सवाल के जवाब में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि हर देश की अपनी नियामक प्रणाली होती है। कुछ मानदंड एक समान हो सकते हैं जबकि कुछ भिन्न हो सकते हैं। भारत सभी देशों की नियामक प्रणाली का सम्मान करता है। हमारे देश की नियामक प्रणाली भी इसी तरह से फैसला करती है।
वीके पॉल ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हमारे निर्माता को जो कुछ भी करने की आवश्यकता होगी वह उसे पूरा कर इसका पालन करने में सक्षम होंगे। अमेरिका के मौजूदा कदम से हमारे टीकाकरण कार्यक्रम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत बायोटेक की अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक का कहना है कि वह एफडीए की सलाह के अनुसार कोवैक्सीन के लिए बीएलए दाखिल करेगी। जैविक लाइसेंस आवेदन यानी बीएलए एफडीए की पूर्ण अनुमोदन व्यवस्था है। इसके तहत दवाओं और टीकों की मंजूरी दी जाती है। ऐसे में कोवैक्सीन को अमेरिकी मंजूरी मिलने में थोड़ा और वक्त लग सकता है।
ओक्यूजेन ने यह भी कहा है कि एफडीए के इस रुख के चलते अमेरिका में कोवैक्सीन की पेशकश में देरी हो सकती है। ओक्यूजेन बीएलए अनुरोध के लिए जरूरी अतिरिक्त जानकारी को समझने के लिए एफडीए के साथ चर्चा कर रही है। ओक्यूजेन इंक का अनुमान है कि उसके आवेदन की स्वीकृति के लिए एक अतिरिक्त परीक्षण के आंकड़ों की दरकार होगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने कहा था कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का अंतिम डाटा जुलाई में सार्वजनिक होगा। भारत बायोटेक का कहना है कि इसके बाद ही वह इसके पूर्ण लाइसेंस के लिए आवेदन दाखिल करेगी