285 फीट ऊंचे क्रूस पर स्टार बांधते हैं मुहम्मद अली
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ : वैसे तो एकता और भाईचारे की कई दास्तां शहर-ए-लखनऊ की जमीं को अन्य स्थानों से अलग करती हैं, लेकिन क्रिसमस पर एक ऐसी दास्तां भी नजर आती है जहां पूरा परिवार बेटे की सलामती के लिए रोजा रखता है। शहर के सबसे बड़े कैथेड्रल में पिता माजिद अली की विरासत को संभाल रहे रकाबगंज निवासी मुहम्मद अली खान 2004 से लगातार चर्च के क्रूस पर स्टार बांध रहे हैं। 17,19, 21 व 23 दिसंबर स्टार बांधने की नियत तिथि होती है। मुहम्मद अली बताते हैं कि जमीन से करीब 283 फीट ऊपर स्टार बांधने के लिए चढ़ते हैं तो मां सन्नो खान और बहन फातिमा रोजा रखती हैं और जब तक मैं बांधकर वापस उतर नहीं आता हूं तक तक दुआओं का सिलसिला चलता रहता है।
हवा का रुख और सूरज की रोशनी तय करता है दिन व समय
मुहम्मद अली बताते हैं कि निर्धारित तिथि के अंदर स्टार बांधने का दिन व समय हवा के रूख व सूरज की रोशनी से तय होता है। रोशनी तेज नहीं होनी चाहिए और हवा बंद होनी चाहिए। 285 फीट ऊंचाई पर हवा न होने पर ही हवा का एहसास होता है। करीब छह घंटे में क्रूस पर स्टार टांगकर वापस आते हैं। इसके बाद कैथेड्रल की झाकियों को सजाते हैं। इस बार 19 को स्टार टांगा था और सोमवार को नीचे व झांकियों को सजाने का काम कर रहे हैं।