रायबरेली में जिला समन्वयक बालिका पर कार्रवाई
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में करीब नौ महीने बाद एक बार फिर अनामिका कांड का मामला तूल पकड़ने लगा है। अभी तक दोषियों को भले ही पुलिस नहीं पकड़ सकी हो, लेकिन मामले में लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। राज्य परियोजना निदेशक ने शैक्षिक प्रमाणपत्र समेत अन्य अभिलेखों की पड़ताल कराए बिना नियुक्ति पत्र दिए जाने में डीसी बालिका को दोषी मानते हुए मूल विभाग भेजे जाने के निर्देश दे दिए हैं। साथ ही शिक्षा निदेशक उत्तराखंड को विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है।
गौरतलब हो कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बछरावां में तैनात अनामिका के फर्जी होने और मानदेय में लाखों रुपये भुगतान कर दिया गया था। मार्च माह में प्रकरण सामने आया तो अफसरों के होश उड़ गए। संबंधित को नोटिस जारी किया गया। वहीं, खुद को फंसता देख तथाकथित अनामिका अचानक गायब हो गई। इसके बाद कुछ भी सुराग नहीं लगा। शुरुआती दौर में ही शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी होने की खबर को ‘दैनिक जागरण’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
अब राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला समन्वयक बालिका शिक्षा अनिल कुमार तिवारी पर कार्रवाई कर दी है। उन्हें मूल विभाग भेजे जाने के साथ ही बीएसए को तत्काल कार्यभार हस्तगत कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मूल विभाग माध्यमिक शिक्षा के निदेशक उत्तराखंड को पत्र भेजकर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए कहा है।