उत्तर प्रदेशलखनऊ

रात 12 से सुबह छह बजे का वक्त सफर के लिए खतरनाक

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :किस समय में सड़कों पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं, इसका उत्तर तलाशने वाली एजेंसियों ने सर्वाधिक खतरनाक टाइमिंग का जो आंकड़ा प्रस्तुत किया है, उसमें देर रात से भोर का समय दर्ज किया गया है। यानी वह समय जिसमें सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं और मौतें हुई हैं। सफर के लिए रात 12 बजे से सुबह छह बजे का वक्त मुफीद नहीं पाया गया है। इस दौरान सबसे ज्यादा हादसे और मौत हुई हैं। वर्ष 2019 में करीब 7,580 हादसों में 4,115 लोगों ने अपनी असमय जान गंवाई है बेहतर होगा कि इन आंकड़ों पर गौर कर चालक ड्राइविंग के वक्त खासी सर्तकता बरतें तो बेहतर होगा।

वर्ष 2019 में करीब 7580 हादसों में 4115 लोगों ने अपनी असमय जान गंवाई है बेहतर होगा किचालक ड्राइविंग के वक्त खासी सर्तकता बरतें।

छह घंटे का वक्त खतरे भरा, झपकी और नींद से गई  17.5 फीसद लोगों की जान

देर रात से भोर का समय दुर्घटना के लिए सबसे खतरे वाला वक्त माना गया है। इन छह घंटों में चालक को सबसे अधिक नींद ओर झपकी की गुंजाइश रहती है। यही वजह है कि इस दौरान सबसे ज्यादा घटनाएं ओर मौत सामने आती हैं।

तीन-तीन के घंटों में बांटते हुए हादसों और मौतों की संख्या

समय – दुर्घटनाएं – मृत्यु- प्रतिशत

00.00 से 3.00 देर रात- 3,516 -1,900 -8.3

03.00 से 6.00 भोर-4,064 -2,215 -9.5

06.00 से 9.00 दिन-5,818 -3,006 -13.7

9:00 से 12:00 दिन-5,933 -3,120 -13.9

12.00 से 15.00 दिन-5,312 -2,816 – 12.5

बरते सतर्कता

  • सर्दी के दिनों में चालक अपने साथ चाय या काफी का थर्मस लेकर चले।
  • झपकी या नींद आने की दशा में वह गाड़ी रोककर पानी से चेहरा धो ले।
  • अगर ज्यादा जरूरी न हो तो वह विश्राम करने के बाद ही ड्राइविंग सीट संभाले।
  • लंबी दूरी की गाड़ियों में दो चालक लेकर चले।
  • कोहरे का वक्त है ऐसे में इन छह घंटों के पहर में गति नियंत्रत कर वाहन चलाएं

Related Articles

Back to top button