बाल अपराध रोकने के लिए लड़कों को जागरूक करेंगी पुलिसकर्मियों की पत्नियां
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:मासूमों को हैवानियत का शिकार होने से बचाने को पुलिसकर्मियों की पत्नियां भी अब आगे आएंगी। वह न सिर्फ 12 से 17 साल के लड़कों को जागरूक करेगी बल्कि उनके अभिभावकों को भी बच्चों के प्रति उनके दायित्वों का अहसास कराएंगी। इसके लिए पुलिसकर्मियों की पत्नियों को जिले में चल रहे सामाजिक संगठनों से जोड़ा जाएगा।
जिले में बच्चियों के साथ अक्सर दुष्कर्म, छेड़छाड़ आदि की घटनाएं सामने आ रही है। ऐसे में एसपी एस आनंद ने जिले में एक अलग पहल शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने पुलिस लाइन में रह रहे उन पुलिसकर्मियों की पत्नियों को सामाजिक संगठनों में शामिल करने का निर्णय लिया है जो समाजसेवा को लेकर जागरूक रहती है। ताकि संगठनों के माध्यम से अभिभावक उनके बच्चों को जागरूक किया जा सके। जिससे छेड़छाड़ व दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर अंकुश लग सके। यह महिलाए जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से अधिक से अधिक लोगाें को यह बताने का प्रयास करेगी कि बच्चों को कैसे सुरक्षित रखें और लड़कों की सोच कैसे दूसरों की बहन-बेटियों के लिए सकारात्मक बने।
दीपावली बाजार में देखी ललक
पुलिस लाइन में 11 से 14 नवंबर तक दीपावली बाजार का आयोजन किया गया था। जिसमे पुलिसकर्मियों ने गर्म कपड़े से लेकर रोजमर्रा से जुड़े अ न्य सामान के स्टॉल लगाए थे। जिसमे सभी पुलिसकर्मियों के स्वजन भी शामिल हुए थे। एसपी जब उनसे मुखातिब हुए तो उन सभी में कुछ नया करने की ललक देखी थी। जिसके बाद उन्होंने निर्णय लिया किया कि सिर्फ घर बैठाने के बजाय उन महिलाओं को समाजसेवा के प्रति जोड़ा जाए।
15 दिन में हुई इन घटनाओं ने उठाए सवाल
वैसे तो मासूमों से छेड़छाड़ व दुष्कर्म की कई घटनाएं जिले में हो चुकी है। लेकिन खुदागंज के एक गांव में सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, रोजा क्षेत्र में पहले छह साल के बालक से कुकर्म और अब सात साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना होने की वजह से पुलिस की कार्यशैली से लेकर समाज में असुरक्षित मासूमों को लेकर सवाल उठने लगे। जिसके बाद इस तरह की पहल को शुरू करने का निर्णय लिया गया