उत्तर प्रदेशराज्य

तीन बड़े अफसरों से पूछताछ कर सकती है CBI

स्वतंत्रदेश,लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की निगरानी में चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित दुष्कर्म के बाद बर्बरता के कारण मौत की जांच कर रही सीबीआइ ने जांच को गति दे दी है। पीड़ित परिवार भले ही सीबीआइ की जांच की वरीयता में है, लेकिन अब एजेंसी ने अपना दायरा बड़ा कर दिया है। सीबीआइ अब तीन बड़े अफसरों से भी पूछताछ करेगी।

सीबीआइ को 25 नवंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में हाथरस कांड की अपनी जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी है।

सीबीआइ को 25 नवंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में हाथरस कांड की अपनी जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी है। इसी कारण जांच एजेंसी अब बूलगढ़ी के बाहर भी जाने की योजना में है। सीबीआइ अब इस केस से संबंधित तीन बड़े अफसरों से भी पूछताछ करेगी। इनमें दो आइएएस तथा एक आइपीएस अफसर हैं। इस केस में इन अफसरों की भूमिका पर सीबीआइ की पूछताछ संभावित है। इससे पहले भी सीबीआइ ने चंदपा थाना के सभी पुलिसकर्मियों के साथ निलंबित थाना प्रभारी तथा चौकी इंचार्ज व सिपाहियों से कई चक्र में पूछताछ की थी। हाथरस कांड में निलंबित एसपी विक्रांत वीर के साथ सीबीआइ हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार के भी बयान दर्ज कर सकती है। इसमें काफी अहम रात में अंतिम संस्कार का कारण माना जा रहा है।

पीड़िता के भाई से सीबीआइ ने पूछा- क्या तुमने अपनी बहन को मारा

हाथरस कांड की जांच कर रही सीबीआइ ने पीड़िता के भाई से बुधवार को पूछा था कि क्या तुमने ही अपनी बहन को मारा है। जांच में सीबीआइ की टीम लगातार पीड़िता के परिवार से पूछताछ कर रही है। यहां बुधवार को मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में पीड़िता के भाई बताया कि सीबीआई की टीम ने उससे पूछा कि क्या तुमने ही अपनी बहन को मारा है। इस पर भाई ने जवाब दिया कि मैं अपनी बहन को मारता तो उसे लेकर थाने क्यों जाता। पीड़िता के भाई ने बताया अगर हमें उसे मारना होता तो घर पर ही मार देते। पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए मानवाधिकार संगठन का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को पहुंचा था।

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