उत्तर प्रदेशराज्य

प्रदेश में तेंदुओं के हमलों से बचाव के लिए बनाई जाएंगी सफारी

उत्तर प्रदेश में तेंदुओं के हमलों से बचाव के लिए सफारी की स्थापना का फैसला किया गया है। पहले चरण में गोंडा के टिकरी में लैपर्ड सफारी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। साथ ही इटावा लायन सफारी के भीतर बनी लैपर्ड सफारी की क्षमता विस्तार के निर्देश भी वहां के निदेशक अनिल पटेल को दे दिए गए हैं। इससे पहले लैपर्ड सफारी बनाने का सफल प्रयोग राजस्थान और गुजरात में हो चुका है।प्रदेश में प्रति वर्ष करीब 100 तेंदुए बढ़ रहे हैं। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की समस्या पैदा हो गई है। बिजनौर से लेकर भारत-नेपाल सीमा के वन क्षेत्रों में इंसानों व पालतू जानवरों पर तेंदुओं के हमले की शिकायतें अक्सर ही मिल रही हैं। यूपी में वर्ष 2018 में 173 बाघ थे, जिनकी संख्या 2022 की गणना में बढ़कर 205 हो गई।वर्ष 2022 की वन विभाग की गणना के अनुसार, यूपी में तेंदुए 848 थे, लेकिन विभाग के ही कुछ अधिकारी इस गणना पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इसमें गन्ने के खेत में रहने वाले तेंदुओं की गिनती शामिल नहीं है। करीब एक हजार तेंदुए तो बिजनौर में ही जंगल से बाहर इन खेतों में बताए जाते हैं। बताते हैं कि तमाम तेंदुए अपनी तीन पीढ़ियों से गन्ने के खेत में ही रह रहे हैं।जंगल में बाघों की संख्या बढ़ने से तेंदुए बाहर भाग रहे हैं, क्योंकि दोनों का प्रे-बेस (शिकार) समान होने के चलते बाघ, तेंदुओं को मार डालते हैं। तेंदुओं की समस्या से निपटने के लिए वन विभाग ने लैपर्ड सफारी बनाने का फैसला किया है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में यह सफारी बनाई जाएंगी। टिकरी में सफारी बनाने के लिए जगह देखी जा रही है।

सफारी में प्राकृतिक सी दिखने वाली गुफाओं (पिट्स सेल) का निर्माण कराया जाएगा। लैपर्ड प्रूफ फेंसिंग होगी। जो तेंदुए जंगल से बाहर पकड़े जाएंगे, उन्हें इन सफारी में रखा जाएगा। उनके लिए चिड़ियाघरों की तरह ही खाने के लिए प्रतिदिन 5-7 किग्रा मांस उपलब्ध कराया जाएगा।

इटावा में 50 हेक्टेयर में विकसित होगी लैपर्ड सफारी
इटावा के लायन सफारी के भीतर ही लैपर्ड सफारी भी है, जिसके लिए करीब 50 हेक्टेयर क्षेत्र निर्धारित है। अभी इसमें से 5 हेक्टेयर क्षेत्र में ही सफारी विकसित है। वन विभाग ने इसकी क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। तब इसमें 35-40 तेंदुए आसानी से रखे जा सकेंगे।

इस योजना पर हो रहा है काम
हम यूपी में लैपर्ड सफारी बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने में मदद मिलेगी।

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