उत्तर प्रदेशराज्य

नेपाल सीमा पर अटके 500 से ज्यादा ट्रक

 स्वतंत्रदेश ,लखनऊउत्तर प्रदेश से नेपाल को होने वाले निर्यात और कारोबार पर संकट गहराता जा रहा है। नेपाल सीमा पर हालात बिगड़ने के चलते हजारों करोड़ रुपये का निर्यात प्रभावित हो गया है। स्थिति यह है कि सिर्फ 24 घंटे में करीब 200 करोड़ रुपये का माल यूपी की सीमा पर अटका पड़ा है और नेपाल जाने वाले कम से कम 500 ट्रक सीमाओं पर फंसे हुए हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन (फियो) के यूपी प्रमुख आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि हालात फिलहाल सुधरते नहीं दिख रहे हैं और निर्यातकों की नजरें अगले घटनाक्रम पर टिकी हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल को भेजा गया माल न सिर्फ अटका है बल्कि उसके भुगतान पर भी संकट मंडरा रहा है।

12 हजार करोड़ का निर्यात, 28% यूपी की हिस्सेदारी
उत्तर प्रदेश से हर साल करीब 12,000 करोड़ रुपये का निर्यात नेपाल सहित अन्य देशों को होता है। भारत कुल निर्यात में 63 फीसदी हिस्सेदारी रखता है जबकि नेपाल के व्यापार में चीन की हिस्सेदारी 14 फीसदी है। इसमें अकेले यूपी का हिस्सा लगभग 28 फीसदी है।

ये वस्तुएं होती हैं निर्यात

राज्य से नेपाल और अन्य देशों को मशीनरी उपकरण, कंक्रीट मिक्सचर मशीन, आयरन-स्टील, एल्युमिनियम, केमिकल्स, टॉयलेटरीज, कॉस्मेटिक्स, पीवीसी पाइप, सोडा एश, खाद्य तेल, अनाज-सब्जियां, चावल-दाल, ऑटो पार्ट्स, ई-रिक्शा व बैटरी रिक्शा के पार्ट्स, लेदर उत्पाद, टेक्सटाइल्स, मैनमेड फाइबर, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, एलईडी, मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स बड़े पैमाने पर जाते हैं।

ट्रांजिट में दो से तीन दिन की देरी

निर्यातकों ने बताया कि सामान्य स्थिति में नेपाल तक माल पहुंचाने में दो से तीन दिन लगते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में गाड़ियां सीमा पर खड़ी रह गई हैं। जिन वाहनों को माल सीमा पार करना था, उन्हें रोक लिया गया है। निर्यातक एस.के. आहूजा ने कहा कि मशीनरी की सप्लाई हो चुकी है। हमें भुगतान एक हफ्ते में मिलना था, लेकिन हालात देखकर कहना मुश्किल है कि पैसा कब मिलेगा। वहीं, लेदर उत्पादों का निर्यात करने वाले असद अहमद ने बताया कि उनके कुछ वाहन नेपाल में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन कुछ ट्रक सीमा पर ही अटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये के ऑर्डर पर संकट मंडरा रहा है और यदि हालात नहीं सुधरे तो माल वापस मंगवाना पड़ेगा।

भुगतान फंसने का खतरा

निर्यातकों ने चिंता जताई है कि जिनका माल उधारी पर गया है, उनका पैसा फंस सकता है। वहीं, जिन्होंने एडवांस भुगतान लिया है, वे इस समय अपेक्षाकृत सुरक्षित स्थिति में हैं। व्यापार जगत के जानकारों का मानना है कि अगर यही हालात और दिनों तक बने रहे तो यूपी के निर्यात पर बड़ा असर पड़ेगा। निर्यातकों को करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ सकता है और छोटे निर्यातकों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब होगी।

Related Articles

Back to top button