छोटे कदमों की ऊंची छलांग
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रहने वाला अमर प्रजापति अभी महज 14 साल का है। वह कक्षा आठ का छात्र है। लेकिन कुछ नया करने के जज्बे और उसके बड़े सपनों ने आज उसे शहर का सबसे नन्हा उद्यमी बना दिया है। कोरोना संकट काल में जब स्कूल-कॉलेज बंद हुए तो अमर ने बल्ब बनाने की ट्रेनिंग ली और छोटे पैमाने पर अपना व्यापार शुरू किया। लेकिन कुछ ही दिनों में मिले अच्छे परिणाम से आज वह वह एलईडी बल्ब निर्माण कंपनी चला रहा है। अमर ने इतनी कम उम्र में रोजगार तो अपनाया ही, चार अन्य लोगों को भी काम दिया है। उसने अपनी कंपनी की एक वेबसाइट भी बनाई है और अब अपने उत्पाद को ऑनलाइन भी बेचने की योजना बना रहा है।
सिविल लाइंस में रहने वाले रमेश कुमार प्रजापति गोरखपुर डेवलेपमेंट अथॉरिटी (गीडा) में कार्यरत हैं। तीन बच्चों में अमर उनका मंझला पुत्र है। वह आरपीएम एकेडमी में 8वीं का छात्र है। वह वैज्ञानिक बनना चाहता है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया से काफी प्रभावित है। लॉकडाउन में जब स्कूल कॉलेज बंद हुए तो उसकी पढ़ाई भी ठप हुई। ऐसे में उसने एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण लेने की इच्छा जाहिर की, जिस पर पिता ने हामी भर दी।
अमर ने बताया कि उसने अप्रैल माह में गीडा में ट्रेनर और उद्यमी विवेक सिंह से पांच तरह की एलईडी लाइट बनाना महज पांच दिनों में ही सीख लिया। वर्तमान में वह उद्यमिता विकास संस्थान से रॉ मटेरियल (कलपुर्जे) मंगाते हैं। इसके बाद घर पर ही बल्ब बनाना शुरू किया। शुरुआत में बमुश्किल 10 से 15 बल्ब ही वह बना पाता था। लेकिन अब वह दिन भर में 500 से 700 बल्ब तैयार करते हैं। अमर ने अपने पिता के गुरू के नाम से जीवन प्रकाश इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी रजिस्टर्ड कराई है। कंपनी की मैनेजिंग डायरेक्टर मां सुमन प्रजापति हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने यहां चार लोगों को रोजगार भी दिया है जो उसका हाथ बंटाते हैं।