उत्तर प्रदेशराज्य

 रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या में आई भारी गिरावट

 स्वतंत्रदेश ,लखनऊतेज धूप और बढ़ती गर्मी के कारण रामलला के धाम का दृश्य भी बदल रहा है। कुछ दिनों पूर्व तक जहां राम मंदिर का मुख्य दर्शन मार्ग श्रद्धालुओं से पटा रहता था, वहीं अब सुबह और शाम ही ऐसा दिख रहा है। दिन में धूप जैसे-जैसे चटख होती है, दर्शनार्थी घटते जाते हैं।इन दिनों केवल सप्ताहांत पर ही एक लाख से अधिक दर्शनार्थी आ रहे हैं। सामान्य दिनों में इनकी संख्या 70 से 80 हजार के बीच ही रह रही है। प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत लगभग एक वर्ष तक प्रतिदिन डेढ़ लाख से दो लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे थे।

महाकुंभ के दौरान दो लाख से ज्यादा रहती थी भक्तों की संख्या

किसी-किसी दिन ही दर्शनार्थियों की संख्या 80 से 90 हजार के बीच रहती थी। महाकुंभ के दौरान तो कोई भी ऐसा दिन नहीं गुजरा, जिस दिन तीन लाख से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए न पहुंचे हों। किसी-किसी दिन तो दर्शनार्थियों की संख्या चार लाख से भी ज्यादा पहुंच गई थी। महाकुंभ खत्म होते ही दर्शनार्थियों की संख्या कम हो गई थी, लेकिन रामनवमी पर्व के कारण कुछ दिनों से भक्तों की संख्या बढ़ी थी। तेज धूप और बढ़ती गर्मी के कारण रामलला के धाम का दृश्य भी बदल रहा है। कुछ दिनों पूर्व तक जहां राम मंदिर का मुख्य दर्शन मार्ग श्रद्धालुओं से पटा रहता था, वहीं अब सुबह और शाम ही ऐसा दिख रहा है। दिन में धूप जैसे-जैसे चटख होती है, दर्शनार्थी घटते जाते हैं।

इन दिनों केवल सप्ताहांत पर ही एक लाख से अधिक दर्शनार्थी आ रहे हैं। सामान्य दिनों में इनकी संख्या 70 से 80 हजार के बीच ही रह रही है। प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत लगभग एक वर्ष तक प्रतिदिन डेढ़ लाख से दो लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे थे।

महाकुंभ के दौरान दो लाख से ज्यादा रहती थी भक्तों की संख्या

किसी-किसी दिन ही दर्शनार्थियों की संख्या 80 से 90 हजार के बीच रहती थी। महाकुंभ के दौरान तो कोई भी ऐसा दिन नहीं गुजरा, जिस दिन तीन लाख से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए न पहुंचे हों। किसी-किसी दिन तो दर्शनार्थियों की संख्या चार लाख से भी ज्यादा पहुंच गई थी। महाकुंभ खत्म होते ही दर्शनार्थियों की संख्या कम हो गई थी, लेकिन रामनवमी पर्व के कारण कुछ दिनों से भक्तों की संख्या बढ़ी थी।

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