उत्तर प्रदेशराज्य

गूगल मैप ने फिर दिया धोखा…यहां निर्माणाधीन मथुरा-बरेली हाईवे पर एक और हादसा

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक बार फिर से गूगल मैप की वजह से हादसा हुआ है। गूगल मैप ने निर्माणाधीन हाईवे का रास्ता दिखा दिया। आगे चलकर एक कार दुर्घटना का शिकार हो गई। बंद हाईवे पर कार मिट्टी के टीले पर पत्थरों से टकरा गई। हादसे में दो लोग घायल हो गए। पुलिस ने कार सवार दोनों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया। हादसा थाना हाथरस जंक्शन इलाके के वाहनपुर पर हुआ। लोगों को रास्ता दिखाने में सहयोग करने वाला गूगल मैप गुमराह भी करने लगा है।हाथरस के कोतवाली जंक्शन क्षेत्र में निर्माणाधीन मथुरा-बरेली हाइवे पर मैप पर गलत रास्ता दिखाने के कारण एक कार हादसे का शिकार हो गई। हादसे में कार सवार दो लोग घायल हो गए।जानकारी मिली है कि बरेली निवासी विमलेश श्रीवास्तव और कुशल कुमार कार से मथुरा जा रहे थे। मथुरा जाने के लिए उन्होंने गूगल मैप का इस्तेमाल किया। देर रात सिकंदराराऊ आने के बाद आगे रवाना हुए। निर्माणाधीन मथुरा-बरेली हाईवे पर हाथरस जंक्शन क्षेत्र में रोड ब्लॉक के रिफ्लेक्टिंग बोर्ड न होने के कारण उनकी कार मिट्टी के ढेर से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई। इससे कार सवार दोनों लोग घायल हो गए। हादसे के बाद दोनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर कोतवाली हाथरस जंक्शन पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और घटना की जानकारी करने के साथ कार को वहां से हटवाया। दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया।इससे पहले, गूगल मैप ने एक बार फिर धोखा दे दिया। मेरठ का एक परिवार हरिद्वार से सहारनपुर आते समय रात में कई घंटे तक इधर-उधर जंगल में भटकता रहा। इसका कारण रहा कि वह गूगल मैप से रास्ता ट्रैस करते हुए सहारनपुर आ रहे थे। घंटों भटकने के बाद परिचितों से संपर्क कर सहारनपुर पहुंचे, तब जाकर परिवार ने राहत की सांस ली।मेरठ के शास्त्री नगर निवासी विनोद कुमार गुरुवार को अपनी पत्नी और बेटे के साथ हरिद्वार और ऋषिकेश गए थे। वहां से उन्हें सहारनपुर किसी परिचित के यहां पर जाना था। हरिद्वार से चलने के बाद उन लोगों ने गूगल मैप से रास्ता ट्रैस करना शुरू कर दिया। भगवानपुर तक ठीक रहा।

इसके बाद गूगल मैप ने उन्हें एक संपर्क मार्ग पर सहारनपुर के लिए शॉर्टकट दिखाया। रात करीब आठ बजे विनोद कुमार ने अपनी गाड़ी उसी रास्ते पर घुमा दी। करीब 10 किमी चलने के बाद रास्ते पर बरसाती नदी आ गई। नदी में पानी नहीं था, लेकिन पत्थरों की वजह से ऊबड़-खाबड़ था, जिससे कार को निकालना मुश्किल था। ऐसे में गूगल मैप ने पास से ही दूसरा रास्ता दिखाया। इसी तरह रात करीब 11 बजे तक इधर-उधर भटकते रहे। आखिर में वह बिहारीगढ़ के पास हाईवे पर पहुंचे और अपने परिचित से संपर्क किया। तब परिचित ने रास्ता बताया और वह रात 12 बजे तक घर पहुंचे। बता दें, कि पिछले माह गूगल मैप के कारण बरेली में बड़ा हादसा भी हो गया था। जहां अधूरे पुल पर रास्ता दिखाया और कार सवार तीन दोस्त पुल से नीचे गिर गए थे।

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