नए साल पर आईपीएस अफसरों को मिलेगा प्रमोशन का तोहफा
स्वतंत्रदेश ,लखनऊनए वर्ष में 70 से अधिक आईपीएस अफसरों की पदोन्नति तय हो गई है। इसे लेकर गुरुवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में कई नामों पर चर्चा हुई।

बैठक में वर्ष 1992 बैच के दीपेश जुनेजा को सबसे पहले डीजी के पद पर पदोन्नत किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। डीजी सीबीसीआईडी के पद पर तैनात एसएन साबत के 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें डीजी के पद पर पदोन्नत किया जाएगा।एडीजी के पद पर पदोन्नति के लिए जिन तीन नामों पर सहमति बनी है, उनमें गौतमबुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह व लखनऊ के आईजी प्रशांत कुमार तथा एटीएस के चीफ नीलाब्जा चौधरी के नाम शामिल हैं। वहीं, 2007 बैच के जिन अफसरों को आईजी के पद पर पदोन्नत किया जाएगा, उनमें अमित पाठक, जोगेंद्र कुमार, विनोद कुमार, रवि शंकर छवि, भारती सिंह, राकेश प्रताप सिंह, विपिन कुमार मिश्रा, योगेश कुमार सिंह व गीता सिंह तथा बाबू राम के नाम शामिल हैं।सूत्रों के अनुसार, डीआईजी के पद पर पदोन्नत होने वाले अफसरों में शैलेश पांडेय, अभिषेक सिंह, अजय पाल शर्मा, राजेश एस, आलोक प्रियदर्शी, सुधा सिंह, राम बदन सिंह, तेज स्वरूप सिंह, हृदयेश कुमार, सूर्यकांत त्रिपाठी, हेमंत कुटियाल, शालिनी, प्रदीप कुमार, कमला प्रसाद यादव, अरुण श्रीवास्तव, विकास कुमार वैद्य, राजेश सक्सेना, डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, सुनीता सिंह, दिनेश सिंह, अरविंद कुमार मौर्य व सुभाष चंद्र शाक्य के नाम शामिल हैं। विभागीय जांच के चलते कई अफसरों के नाम पदोन्नति की सूची से हटा दिए गए हैं।2014 बैच के आईएएस अधिकारी रविन्द्र पाल सिंह को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) दे दी है। वे वर्तमान में विशेष सचिव भाषा के पद पर कार्यरत थे। नियुक्ति विभाग ने गुरुवार को उनका वीआरएस स्वीकार करने की अधिसूचना जारी कर दी है। पीसीएस से आईएएस बने रविन्द्र पाल ने करीब डेढ़ वर्ष पहले नियुक्ति विभाग से व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए वीआरएस देने की मांग की थी। केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से अनुमति मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उनकी नौकरी जलाई 2035 तक थी। रविन्द्र की पत्नी निधि श्रीवास्तव भी वर्ष 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में बदायूं की डीएम हैं।