उत्तर प्रदेशराज्य

वन विभाग पर भारी पड़ा बाघ, मचान के नीचे से पड़वा को खींच ले गया

स्वतंत्रदेश,लखनऊबाघ को घेरने के लिए जिस पड़वा को वन विभाग ने मचान के नीचे बांधा था, उसे भी बाघ खींच ले गया। वन विभाग की रणनीति थी कि पड़वा खाने बाघ आएगा तो उसे ट्रेंकुलाइज किया जा सकेगा, लेकिन मचान पर बैठी टीम को आहट भी नहीं लगी और एक झटके में पड़वा को बाघ ने शिकार बना लिया। यह भी सवाल खड़ा हो रहा है कि रेस्क्यू टीम कहीं मचान पर सो तो नहीं रही थी, क्योंकि उसे पड़वा की आवाज भी नहीं सुनाई दी। यह घटना रविवार देर रात रहमान खेड़ा की है।

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के ब्लॉक नंबर चार के पास बने तीस फीट ऊंचे मचान के नीचे पड़वा को बांधा गया था। अब दूसरा पड़वा फिर से मचान के नीचे बांधा गया है। वन विभाग ने बाघ को देखते हुए रहमान खेड़ा से जुड़े इलाके को डेंजर जोन घोषित किया है।

उधर, काकोरी के मीठेनगर में रविवार शाम सांड़ का शिकार करने के बाद सोमवार को बाघ उलरापुर गांव के करीब रहमान खेड़ा जंगल में हर्बल अशोक वाटिका में दिखाई दिया। यहां उसके पगमार्क भी मिले हैं। संविदाकर्मी संजय यादव अन्य मजदूरों के साथ निराई का कार्य कर रहे थे, तभी बाघ रहमान खेड़ा क्रासिंग की तरफ जाता दिखाई दिया, जिसे देखकर सभी मजदूर छिप गए। घटना की जानकारी मिलते ही एसडीओ हरिलाल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन बाघ नजर नहीं आया।मृत सांड का शव सोमवार को भी पड़ा था, बस उसकी लोकेशन बदल दी गई है। बाघ सांड को जंगल की तरफ खींच कर ले गया था, लेकिन वहां से हटाकर उसे खंड़जा मार्ग पर झाड़ी के करीब रखा गया है। देर शाम या भोर में उसके आने की संभावनाओं को देखते हुए एक रेस्क्यू टीम वाहन पर तैनात की गई है। रविवार को बाघ करीब चार किलो गोश्त खा गया था लेकिन रविवार रात भी आकर वह सांड का पांच किलो गोश्त और खा गया। उम्मीद जताई जा रही है कि बाघ एक दो दिन बाद उसे खाने फिर आ सकता है।

अवध सितांशु पांडेय ने बताया कि रेस्क्यू टीम अलग-अलग जगहों पर तैनात है। बाघ के भोर में चार बजे के आसपास और शाम को अंधेरा होते ही दिखने की संभावनाएं अधिक होती है। लगातार पेट्रोलिंग भी की जा रही है। इससे पहले रहमान खेड़ा से चार किलोमीटर दूर हलुवापुर गांव में सोमवार सुबह बाघ ने नील गाय के बच्चे का शिकार किया था, लेकिन उसे खाए बिना ही चला गया था। आसपास के नौ में से दस गांवों में किसी न किसी दिन बाघ के होने की सूचना मिल रही है। इसलिए डेंजर जोन घोषित किया गया है। रविवार को मचान के नीचे बांधे गए पड़वा को बाघ खींच ले गया और फिर से वहां पड़वा बांधा गया है।

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