रोडवेज बसों के इसलिएनहीं हो पा रहे पूरे, सामने आई वजह
मथुरा रोडवेज डिपो में चालक-परिचालकों की कमी दूर नहीं हो रही है। डिपो में 180 के सापेक्ष 135 चालकों की तैनाती है। उधर, 329 स्वीकृत पदों पर 264 ही परिचालक हैं। ऐसे में निगम प्रतिदिन का लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहा है और न हीं बसें पूरे फेरे लगा पा रही हैं।डिपो से 154 बसों का संचालन हो रहा है। हर साल नई बस मथुरा डिपो को मिल जाती है, लेकिन चालक और परिचालक नहीं मिल रहे हैं। डिपो में 86 परिवहन निगम की तथा 68 अनुबंधित बसें हैं। ऐसे में डिपो से बसों के फेरों की संख्या पूरी नहीं हो रही है। वर्तमान में 20 से 22 हजार यात्री प्रतिदिन रोडवेज बसों से सफर करते हैं। डिपो को प्रतिदिन 22.50 लाख का लक्ष्य है, लेकिन वर्तमान में 19 लाख के लगभग राजस्व हो रहा है। प्रतिदिन साढ़े तीन लाख राजस्व का नुकसान हो रहा है।कुंभ के लिए डिपो से बसे भेजी जा रही हैं, लेकिन यहां पर चालक-परिचालकों की कमी ही नहीं दूर हो रही है। इसके चलते समस्या सामने आएगी।
निगम के अधिकारियों ने इसको लेकर उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत करा दिया है, लेकिन अभी तक स्वीकृत पदों पर तैनाती नहीं हो सकी है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि दो साल से कोई परिचालक डिपो को नहीं मिला है, वहीं जो परिचालक थे, उनका प्रमोशन होकर वह लिपिक पर नियुक्त हो गए हैं। इससे और समस्या आ रही है।एआरएम मदन मोहन शर्मा ने बताया कि रोडवेज डिपो में चालक-परिचालकों की कमी है। इसे लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत भी कराया है। परिचालकों की संख्या कम होने के कारण बसों के फेरे कम लग पाते हैं। यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।