उत्तर प्रदेशराज्य

 जब्त जमीन की कीमत 80 करोड़ रुपये से अधिक, ईडी ने चलाया बुलडोजर

 स्वतंत्रदेश ,लखनऊप्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बहुचर्चित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में जेल जा चुके बसपा के पूर्व मंत्री व वर्तमान में सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा की 10 वर्ष पूर्व जब्त की गई जमीन को कब्जा मुक्त कराया है। ईडी ने एनआरएचएम मामले में लखनऊ में कानपुर रोड पर स्कूटर इंडिया के पास स्थित 40 बीघा जमीन जब्त की थी, जिस पर दोबारा कब्जा कर लिया गया था और पांच बीघे में प्लाटिंग की जा रही थी। ईडी ने शुक्रवार को इस जमीन को दाेबारा अपने कब्जे में लिया। बुलडोजर से कुछ अस्थायी निर्माण भी ढहाए गए। कुशवाहा सपा संसदीय दल के उपनेता भी हैं।

80 करोड़ रुपये से अधिक कीमत

ईडी ने एनआरएचएम मामले में वर्ष 2014 में 40 बीघा जमीन जब्त की थी, जिसकी वर्तमान कीमत 80 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। इस कीमती जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। 

प्लाटिंग किए जाने के साथ ही बड़े हिस्से में खेती भी कराई जा रही थी। एक मकान भी बना लिया गया। इसकी जानकारी होने पर ईडी ने शुक्रवार को जमीन को दोबारा अपने कब्जे में लिया। जमीन जब्त होने के नए बोर्ड भी लगवाए गए। 

सूत्रों का कहना है कि जब्त जमीन को बेचे जाने में सांसद बाबू सिंह कुशवाहा के कुछ करीबियों की भूमिका होने का संदेह है। इसे लेकर छानबीन शुरू की गई है। सब रजिस्ट्रार कार्यालय से जमीन को बेचे जाने संबंधी जानकारी मांगी गई है। 

ईडी बसपा सरकार में परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त कर चुका है। ईडी के एक अधिकारी के अनुसार, जब्त जमीन पर किए गए कब्जे को लेकर गहनता से छानबीन शुरू की गई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि जमीन पर मकान का निर्माण किसने करवाया था।

आय से अधिक संपत्ति मामले में चल रही जांच 

ईडी बाबू सिंह कुशवाहा के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी जांच कर रहा है, जिसके तहत बेनामी संपत्तियों को लेकर भी छानबीन चल रही है। लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र में ही कुछ करीबियों की मदद से एक कंपनी के नाम कीमती जमीन खरीदे जाने को लेकर भी पड़ताल चल रही है।

मायावती के करीबी रहे हैं कुशवाहा

कुशवाहा बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद करीबी रहे हैं। बसपा सरकार में वर्ष 2002 में उन्हें पहली बार मंत्री बनाया गया था। वर्ष 2007 में कुशवाहा को पंचायती राज, खनन, सहकारिता व परिवार कल्याण विभागों की भी जिम्मेदारी मिल गई थी। एनआरएचएम घोटाले में नाम आने के बाद कुशवाहा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 

बसपा का साथ छूटने के बाद कुशवाहा वर्ष 2012 में कुछ दिन भाजपा में भी रहे। बाद में कुशवाहा ने जन अधिकार पार्टी का गठन किया और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। बीते लोकसभा चुनाव में उन्होंने सपा का दामन पकड़ा और जौनपुर सीट से सांसद चुने गए।

दस साल से ईडी से अटैच है भूमि, हमारा कोई लेना-देना नहीं: बाबू सिंह कुशवाहा

लखनऊ में करोड़ों रुपये की भूमि पर ईडी की कार्रवाई के संबंध में पूछे जाने पर सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि उस भूमि से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। वह भूमि हमारी नहीं, हमारे किसी परिचित की है और 10 वर्षों से ईडी ने अटैच कर रखी है।

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