नेम प्लेट पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद विपक्ष का रिएक्शन
स्वतंत्रदेश,लखनऊकांवड़ यात्रा के मार्ग पर आने वाले होटलों पर उनके मालिकों के नाम की प्लेट लगाने के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में उत्तर प्रदेश प्रशासन के फैसले पर रोक लगा दी।कोर्ट ने कहा- दुकानदारों को अपनी पहचान बताने की जरूरत नहीं है। सिर्फ खाने का प्रकार शाकाहारी या मांसाहारी स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है।अब इस मामले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपना रिएक्शन दिया है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- ‘एक नयी ‘नाम-पट्टिका’ पर लिखा जाए : सौहार्दमेव जयते!’
अखिलेश ने की थी न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग
यूपी के मुजफ्फरनगर से शुरू हुए नेम प्लेट विवाद पर हाल में ही अखिलेश यादव ने एक्स कर कहा था- मुजफ्फरनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आखिरकार होटल, फल, ठेलेवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो पीठ थपथपाई है, उतने से ही जनता मानने वाली नहीं है।
ऐसे आदेश पूरी तरह से खारिज होने चाहिए। न्यायालय सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए शासन के माध्यम से ये सुनिश्चित करवाए कि भविष्य में ऐसा कोई भी विभाजनकारी काम शासन प्रशासन नहीं करेगा।
बता दें कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने 19 जुलाई को अधिकारियों को निर्देश जारी किया था कि कांवड़ यात्रा में पड़ने वाली सभी खाने की दुकानों पर उसके मालिक और संचालक का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया। साथ ही हलाल प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई के आदेश जारी किए थे।