दारुल उलूम में लिया बड़ा फैसला, अब युवतियों और महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक
स्वतंत्रदेश,लखनऊइस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने संस्था में महिलाओं और युवतियों के प्रवेश पर पाबंदी वाले अपने पुराने आदेश को सख्ती से लागू कर दिया है।इसके लिए संस्था ने गेट कीपरों को आदेशित किया है कि वह महिलाओं को संस्था में प्रवेश नहीं करने दें और उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेज दें। वहीं, दारुल उलूम का यह फरमान इंटरनेट मीडिया पर बहस का मुद्दा बना हुआ है।
दारुल उलूम में कुछ साल पहले परिसर में चल रहे एक भवन के निर्माण के दौरान एक बड़ा पत्थर ऊपर से नीचे आ गिरा था। हालांकि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई थी। लेकिन उस घटना के बाद से प्रबंधतंत्र ने संस्था में निर्माणाधीन स्थल, शैक्षिक कक्ष और मस्जिद रशीद समेत अन्य कई स्थलों पर महिलाओं और बच्चों के आने जाने पर पाबंदी लगा दी थी।
शिक्षण कार्य प्रभावित न हो, इसलिए लिया फैसला
हालांकि अब फिर से संस्था में बाहरी लोगों का आना जाना बढ़ गया है। जिस कारण संस्था में अत्यधिक भीड़ बढ़ जाने से हो रहे शोर शराबे के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा था। ये सब देखते हुए संस्था प्रबंधन ने गेट पर तैनात रहने वाले कर्मचारियों की बैठक ली और उन्हें निर्देशित किया है कि वह महिलाओं युवतियों और बच्चों को संस्था परिसर, शैक्षिक कक्षों, लाइब्रेरी, मेस और मस्जिद रशीद में नहीं आने दें और संस्था में किसी भी तरह की फोटोग्राफी न होने दी जाए।दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि संस्था में कुछ स्थानों पर महिलाओं के आने जाने पर पहले से ही मनाही है। शोर शराबे से जहां बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है, वहीं फोटो शूट करने और फिर उनको फिल्मी गानों के साथ इंटरनेट मीडिया पर चलाने की शिकायतें मिल रही थीं। इसलिए ही अब उक्त निर्णय को सख्ती से लागू किया जा रहा है।दारुल उलूम के इस निर्णय के बाद इंटरनेट मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। कुछ लोगों ने सवाल करते हुए पूछा है कि संस्था में बहुत से शिक्षक अपने परिवारों के साथ परिसर में बने भवनों में रहते हैं, तो क्या उनके लिए भी यह पाबंदी लागू होगी? हालांकि प्रबंधतंत्र का कहना है कि संस्था में परिवार के साथ रहने वाली महिलाओं पर किसी तरह की रोक नहीं है।