उत्तर प्रदेशराज्य

108 और 102 एंबुलेंस सेवा का एप हैक, कई चौंकाने वाले खुलासे

स्वतंत्रदेश,लखनऊआपातकालीन मेडिकल इमरजेंसी हेल्पलाइन 108 व 102 से संबंधित एक एप हैक कर लिया गया है। हैकर 500-500 रुपये लेकर सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों की दो सप्ताह की उपस्थिति घर बैठे दर्ज कर दे रहे हैं। हैकर से इस खेल से सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।भविष्य में बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी ने जब विभागीय जांच की तो कई अहम खुलासे हुए हैं। एंबुलेंस सेवाओं में 20 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ कंपनी की तरफ से जीकेवी-ईएमआरआई नाम से एक एप उपलब्ध कराया गया है। जिसके जरिये इन कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज होती है। चूंकि कर्मचारियों की ड्यूटी बेहद संवेदनशील भरी होती है इसलिए एप जीपीएस आधारित है। जब कर्मचारी एंबुलेंस व उसके 50-100 मीटर के दायरे में होंगे तभी उनकी उपस्थिति दर्ज होती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से ये एप हैक कर लिया गया है। जिससे कर्मचारी ड्यूटी पर आए या न आएं, कहीं से भी वह उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं। हैकर ऐसी सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। जिसके एवज में वह 500 रुपये एक कर्मचारी से 15 दिन उपस्थिति दर्ज करने का वसूल रहा है। हैकर जीपीएस एम्युलेटर का इस्तेमाल कर रहा है।

इसलिए बेहद गंभीर है मामला
दरअसल जब हेल्पलाइन के जरिये कंट्रोल रूम में मेडिकल इमरजेंसी की सूचना दी जाती है तो कॉल अटेंड करने वाला जीपीएस के जरिये ही घटनास्थल से नजदीक उपलब्ध एंबुलेंस को देखता है। उसी पर सूचना ट्रांसफर कर दी जाती है। जिससे वह घटनास्थल पर जल्द से जल्द पहुंच सकें।

एप हैक होने की वजह से ऐसी स्थिति में एंबुलेंस पर कर्मचारी उपस्थित दर्शाये गए होंगे लेकिन हकीकत में वह वहां नहीं होंगे। इससे मेडिकल इमरजेंसी में एंबुलेंस का पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए ये मामला बेहद गंभीर है।

इस नाम के खाते में ली जा रही रकम
कंपनी ने अपने स्तर से जांच की। जिसमें पता चला कि खेल करने वाला शख्स कर्मचारियों को क्यूआर कोड भेज रहा है। जिसकी मदद से खाते में रकम ले रहा है। जिसकी यूपीआई आईडी anujkumar121013-2@okhdfcbank है। एक यूआरएल नंबर भी कंपनी ने जुटाया है। अंदेशा है कि हैकिंग में उसका इस्तेमाल किया गया है।

भेदी जा रही सिक्योरिटी
एप पर फेस स्केनर भी है। जब तक फेस स्कैन नहीं होगा तब तक उपस्थिति दर्ज नहीं हो सकती। लेकिन, एप हैक होने के बाद इस सुरक्षा को भेद दिया गया है। एक तरह से इसको बाइपास किया गया है। बिना फेस स्कैन के उपस्थिति दर्ज हो जा रही है। हैकर कर्मचारियों से एक महीने से लेकर तीन महीने तक की वैधता वाला प्लान भी मुहैया करवा रहा है।

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