अपने संसदीय क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं पूर्वांचल के ये सात सांसद
स्वतंत्रदेश ,लखनऊपूर्वांचल की सियासत कई मायने में दूसरे क्षेत्रों से जुदा है। बात अगर लोकसभा चुनाव की करें तो हाल के वर्षों में मतदाताओं का नजरिया बदला है। स्थानीय से कहीं ज्याव भरोसा उन्होंने बाहरी प्रत्याशियों पर जताया है। मौजूदा लोकसभा की तस्वीर पर गौर करें तो वाराणसी के साथ ही चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, आजमगढ़ और घोसी के सांसद अपने क्षेत्र के वोटर नहीं हैं।बात वाराणसी संसदीय क्षेत्र की करें तो यहां वर्ष 2004 से बाहर से आए प्रत्याशी ही सांसद चुने जा रहे हैं। 2004 के कांग्रेस सांसद डॉ. राजेश मिश्रा का जन्म स्थान देवरिया जिला है। 2009 के भाजपा सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी का जन्म स्थान दिल्ली है। 2014 से अब तक भाजपा के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म स्थान गुजरात का वडनगर ग्राम है।
वाराणसी से सटे चंदौली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 2014 से डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय भाजपा के सांसद हैं। डॉ. पांडेय मूल रूप से गाजीपुर जिले के निवासी हैं और उनका आवास वाराणसी में है।
वहीं मिर्जापुर में वर्ष 2009 से बाहर से आए प्रत्याशी ही लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं। 2009 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए बालकुमार पटेल का जन्म स्थान चित्रकूट जिला है। वहीं 2014 और 2019 में अपना दल-एस के टिकट पर जीत दर्ज करने वाली केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मूल रूप से कानपुर की रहने वाली हैं।
सोनभद्र जिले के रॉबर्ट्सगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भी वर्ष 2009 से बाहर से आए नेता ही सांसद चुने जा रहे हैं। मिर्जापुर के मूल निवासी पकौड़ी लाल कोल रॉबर्ट्सगंज लोकसभा से वर्ष 2009 में सपा और 2019 में अपना दल एस से सांसद चुने गए। वर्ष 2014 में चंदौली जिले के मूल निवासी छोटेलाल खरवार भाजपा से सांसद चुने गए थे।2009 में अस्तित्व में आए भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2019 में मिर्जापुर के मूल निवासी रमेश चंद बिंद भाजपा के सांसद चुने गए। आजमगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 2014 से बाहर से आए प्रत्याशी ही सांसद चुने जा रहे हैं।वर्ष 2014 में सैफई के मूल निवासी तत्कालीन सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और 2019 में उनके पुत्र अखिलेश यादव सांसद चुने गए थे। 2022 में हुए उपचुनाव में गाजीपुर जिले के मूल निवासी दिनेश लाल यादव आजमगढ़ से भाजपा के सांसद चुने गए।मऊ जिले के घोसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भी वर्ष 2009 से बाहर से आए नेता ही सांसद चुने जा रहे हैं। 2009 में आजमगढ़ जिले के मूल निवासी दारा सिंह चौहान बीएसपी से चुनाव जीते।2014 में बलिया जिले के मूल निवासी हरिनारायण राजभर भाजपा से चुनाव जीते। 2019 में गाजीपुर जिले के मूल निवासी अतुल राय घोसी लोकसभा से बसपा से सांसद चुने गए। पूर्वांचल की सियासत पर बारीकी से नजर रखने वालों का कहना है कि यहां के मतदाना प्रत्याशी का जन्म और निवास स्यान नहीं देखते हैं। वह सिर्फ यह देखते हैं कि प्रत्याशी कितना दमखम वाला है और उनकी आवाज को कितने सशक्त तरीके से संसद में रख सकता है।