केडी सिंह बाबू की पुश्तैनी हवेली पर कोर्ट का ताला
स्वतंत्रदेश ,लखनऊमशहूर हॉकी खिलाड़ी केडी सिंह बाबू की सिविल लाइंस स्थित पुश्तैनी हवेली को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जीशान मसूद के आदेश पर बृहस्पतिवार को सील कर दिया गया। उनकी हवेली की देखरेख के लिए रिसीवर नियुक्त किया गया है। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में रिसीवर ने हवेली में ताला डाल दिया। अब छह माह के अंदर उचित विक्रेता को संपत्ति बेचने के बाद धनराशि सभी वारिसानों को उसके हिस्से के अनुसार बांट दी जाएगी।
मालूम हो कि केडी सिंह बाबू की पुश्तैनी हवेली के बंटवारे को लेकर उनके उत्तराधिकारियों के बीच विवाद चल रहा था। इस संबंध में दिव्या शाही व तेज प्रताप सिंह की ओर से वर्ष 2006 में न्यायालय में वाद दाखिल किया गया था। कोर्ट में दाखिल वाद में 20 लोगों को विपक्षी पक्षकार भी बनाया गया था। 35,241 वर्गफिट में बनी हवेली के वाद में कोर्ट ने पक्षकारों की आपसी सहमति के आधार पर 21 अप्रैल 2009 को आदेश पारित कर बिक्री कर दी थी। पक्षकारों में संपत्ति को विक्रय कर सभी को उनके हिस्से की धनराशि दिए जाने पर सहमति बनी थी।
इसके बाद कोर्ट द्वारा दिए गए ब्रिकी व आदेश अनुपालन के लिए कुंवर आनंद सिंह बनाम कुंवर उमेश सिंह आदि के नाम से एक वाद दाखिल किया गया था, जो कोर्ट पर लंबित चल रहा था। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने 20 मार्च 2015 को अपने आदेश में इसे अतिशीघ्र निस्तारित करने का आदेश दिया था। वर्तमान समय में यह इजराय वाद एसीजेएम जीशान मसूद की अदालत में चल रहा था।
कोर्ट ने बीते 31 जनवरी को इस संपत्ति को सील करने का आदेश दिया था। इसके लिए मुंसरिम रीडर विपिन कुमार सिंह को रिसीवर नियुक्त किया था। बृहस्पतिवार को रिसीवर के साथ सीओ डॉ. बीनू सिंह की अगुवाई में भारी पुलिस बल केडी सिंह बाबू की हवेली पहुंचा और उसेसील कर दिया गया।
सांझी विरासत ने की स्मारक घोषित करने की मांग
सांझी विरासत के संस्थापक परवेज अहमद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि हवेली को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाय। परवेज का कहना है कि केडी सिंह बाबू ने ओलंपिक में भारत को दो-दो गोल्ड मेडल दिलवाए हैं। इस हवेली से उनकी स्मृतियां जुड़ी हैं। यहां पर म्यूजियम बनाकर इसे संरक्षित किया जाय।
लगी रही भीड़.. पूरा दिन चर्चा का दौर
केडी सिंह बाबू अंतरराष्ट्रीय स्तर के हाॅकी खिलाड़ी थे। उनकी संपत्ति के विवाद को लेकर लोगों को निगाहें हमेशा कोर्ट के फैसलों पर लगी रहती थी। जिस हवेली को सील किया गया है उसकी ओर जाने वाली सड़क का नाम भी केडी सिंह बाबू है। शहर का स्टेडियम भी उनके नाम पर है। हवेली सील होने की चर्चा हुई तो खेलप्रेमी ही नहीं शहर के लोग भी यहां जुट गए।