उत्तर प्रदेशराज्य

उत्तर प्रदेश के हर व्यक्ति पर 31 हजार रुपये का कर्ज

 स्वतंत्रदेश,लखनऊप्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर चालू वित्तीय वर्ष में 31,147 रुपये का कर्ज होने का अनुमान है। अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश का कुल कर्ज उत्तर प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के लगभग एक-तिहाई के बराबर पहुंचने का अनुमान है। प्रदेश की ऋणग्रस्तता राज्य के बजट के आकार से कहीं ज्यादा है।सोमवार को पेश किए गए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के आंकड़े तो यही संकेत देते हैं। इसके अनुसार, वर्ष 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान में उत्तर प्रदेश का जीएसडीपी जहां 23,61,462 करोड़ रुपये होगा, वहीं राज्य की ऋणग्रस्तता 7,47,545.73 करोड़ रुपये अनुमानित है। 

राज्य पर कर्ज का बोझ जीएसडीपी के आकार का 31.7 प्रतिशत हिस्सा है। यदि वर्तमान में प्रदेश की आबादी को 24 करोड़ माना जाए तो इस आधार पर प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर 31,147 रुपये का कर्ज है। 

 2024-25 में राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़कर 8,16,926.02 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है जबकि प्रदेश का जीएसडीपी 24,99,076 करोड़ रुपये अनुमानित है। अगले वर्ष जीएसडीपी के अनुपात में प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़कर 32.7 प्रतिशत (लगभग एक-तिहाई) होगा। यह संकेत है कि राज्य की ऋणग्रस्तता बढ़ रही है।

वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार ने 6.9 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था जबकि प्रदेश की ऋणग्रस्तता 7.47 लाख करोड़ आंकी गई है। वहीं 2024-25 के बजट का आकार जहां 7.36 लाख करोड़ रुपये है, वहीं राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़कर 8.16 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

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